इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore) में आयोजित जी 20 की बैठक मेें 30 से ज्यादा देशों के 89 प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक की कार्यशाला में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Chief Minister Shivraj Singh) पूने संबोधित करते हुए कहा कि खेतों में रसायन, हानिकारक कीटनाश्कों (harmful pesticides) के कारण बीमारियां बढ़ रही है। भूमि के भीतर रहने वाले कई जीव हानिकारक कीटनाश्कों के कारण खत्म हो चुके हैै। इसलिए जैविक खेती आज की जरुरत है। मध्य प्रदेश जैविक खेती (Organic farming) के मामले में नंबर वन है।
प्रदेश में सत्रह लाख हेक्टेयर में जैविक खेती हो रही है,जबकि 35 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया हमारे युवा किसान जैविक खाद भी बना रहे है। गौमूत्र, गोबर से कीटनाश्क बना रहे है। इससे धरती की सेहत भी सुधरेगी और मानव शरीर में भी पोषि्टक मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार जनसंख्या बढ़ने के कारण खाद्य सुरक्षा दुनिया के लिए महत्वपूर्ण विषय है,क्योकि 2030 तक खाद्यान की मांग 345 मिलियन टन हो जाएगी,जबकि वर्ष 2000 में यह मांग 192 मिलियन टन थी। दुनिया में सिर्फ 12 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य है, उसको उपजाऊ बनाए रखना भी हमारी जिम्मेदारी है इस भूमि की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में बड़ी आबादी कृषि कार्य करती है। मैं खुद किसान हुं और माह में एक बार अपने खेत पर जाता हुं। यदि हमें दुनिया के खाद्यान की आवश्यकता पूरी करनी है तो हमें उत्पादन बढ़ाना होगा। नई तकनीक का इस्तेमाल, नए बीज, स्मार्ट एग्रीकल्चर को अपनाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश तिलहन और गेंहू का सबसे बड़ा उत्पादक प्रदेश है,क्योकि सिंचाई का दायरा हमने बढ़ाया है। खेती को लाभ का धंधा बनाना होगा,इसलिए हम उत्पादन की लागत घटाने की कोशिश कर रहे है। किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई है। जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को कर्ज दिलाते हैै। उन्होंने कहा कि जी20 की बैठक में हुए मंथन से अच्छे निर्ष्कष निकलेंगे और दुनिया के काम आएंगे।
बैठक के दूसरे दिन जी20 बैठक में शामिल होने आए प्रतिनिधियों को मांडू ले जाया जाएगा। इस दौरान कृषि विशेषज्ञ भी उनके साथ रहेंगे और वे खेतों में जाकर फसलों को भी दिखाएंगे। मांडू में मेहमानों के लिए भोजन भी रखा है। भोजन स्थल को भी पारंपरिक अंदाज में सजाया गया है। जमीन को गोबर से लीपा गया है और मांडने बनाए गए है।
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