भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि श्रद्धेय कल्याण सिंह (Kalyan Singh) जी केवल एक व्यक्ति नहीं थे, वे एक संस्था थे, एक आंदोलन थे। बचपन से उनके दिल और दिमाग में गरीब, किसान, पिछड़े और शोषितों के कल्याण की आग प्रकट होती थी। यह केवल उनके नेतृत्व में नहीं, उनकी कविताओं में भी प्रकट होती थी। किसानों का अधिकार पत्र उन्होंने बनाया था। मुख्यमंत्री चौहान ने यह बातें सोमवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलीगढ़ (Aligarh) के ग्राम अतरौली में मीडिया से बातचीत के दौरान कही।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को सुबह उत्तर प्रदेश के अतरौली ग्राम पहुंचे और यहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह जी के गृह ग्राम पहुंचकर उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बचपन से उनके दिल, दिमाग में गरीब, किसान, पिछड़े और शोषित के कल्याण की आग प्रकट होती थी। ये केवल उनके नेतृत्व में नहीं, उनकी कविताओं में भी प्रकट होती थी। उन्होंने कहा कि सामान्य परिवार में जन्म लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर और उसमें भी अयोध्या में भगवान श्रीरामचंद्र जी की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो, यह आदरणीय कल्याण सिंह जी का संकल्प था।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाबूजी के बिना यह संकल्प पूरा नहीं हो सकता था, इसलिए जिस दिन मंदिर का शिलान्यास हो रहा था, बड़े संतोष के भाव से उन्होंने कहा था कि आज मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया। मैं अपनी और मध्यप्रदेश की जनता की ओर से उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं।
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