भोपाल: एमपी में आचार संहिता लगने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में की सभी मंत्रियों, सभी विभागों के प्रमुख सचिव, अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की. इस बैठक के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोविड जैसे संकट में भी पूरी लगन से काम करने पर टीम मध्य प्रदेश का आभार जताया. पौने चार साल की उपलब्धियों पर मंत्रियों और अधिकारियों की मेहनत और तत्परता को लेकर धन्यवाद और बधाई दी. मंत्रियों, सीएस एवं समस्त पीएस का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया. इस दौरान सीएम ने पौने चार साल में शुरु की योजनाओं एवं उपलब्धियों के बारे में चर्चा की.
लाडली बहना योजना सहित जन कल्याणकारी योजनाओं के सफलतम क्रियान्वयन के लिए पूरी टीम को बधाई दी. केन्द्र सरकार की योजनाओं में मध्य प्रदेश के बेहतर प्रदर्शन पर खुशी जाहिर की. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए वित्त विभाग एवं पूरी टीम को बधाई दी, अन्य सभी विभागों के भी कार्यों की प्रशंसा की. मध्य प्रदेश के आगामी विजन और मिशन पर समर्पण के साथ काम करना है. आचार संहिता में गरीब कल्याण और हितग्राही मूलक योजनाएं शिथिल न हों, अनवरत जारी रहे इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रीगण एवं सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की.
कठिन समय में संभाली थी सरकार
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं आज अत्यंत प्रसन्न हूं, जितने कठिन समय में हमने यह सरकार संभाली थी और हमने आज जितनी उपलब्धियां हासिल की हैं वह अद्भुत हैं. जब हम सरकार में आए तब कोविड था सब जगह डर, परेशानी, हताशा निराशा का वातावरण था. संभवत: देश में पहली बार हुआ होगा कि कई दिन तक मुख्यमंत्री में ही सारे विभाग समाहित थे, एक ही मंत्री था फिर पंच परमेश्वर आए. कोविड काल में हमने कोविड से संबंधित 374 से अधिक बैठकें की. आज पौने चार साल के कार्यकाल में हमने कई उपलब्धियां हासिल की है.
इन कलंकों से मुक्त हुआ मध्य प्रदेश
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश आज बीमारू और बीमारी कोरोना दोनों कलंकों से मुक्त हो गया है तो उसमें आप सभी का एक बहुत बड़ा योगदान है. पिछले 3 साल 9 महीने में आपने मेरे साथ मंत्रिमंडल के मेरे सभी साथियों के साथ कदम से कदम मिलाकर, कंधे से कन्धा मिलाकर दिन-रात काम किया है. कोरोना का वो भयावह समय याद कीजिये जब हमने रात को 2-2-3-3 बजे तक बैठक की. कहीं ऑक्सिजन तो कहीं इंजेक्शन दवाई की व्यवस्था करवाई. बाढ़ और अतिवृष्टि को याद कीजिये जब हमने घंटों सिचुएशन रूम में बैठकर और खेत-खेत तक जाकर फसलों और संकट का जायजा लिया. कोरोना के समय लगभग हर महीने सुबह से शाम तक कलेक्टर कांफ्रेंस, कोरोना से सम्बंधित बैठकें हुईं.
सुबह 6-7 बजे हुई बठकें
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कलेक्टर-कमिश्नर के साथ सुबह 6-7 बजे से बैठकें हुईं. ये वो समय था जब हमने न तो शनिवार देखा न रविवार और अगर छुट्टी का दिन हो तो भी रोज काम हुआ. कई अवसरों पर मैं किसी अधिकारी पर नाराज भी हुआ, लेकिन उसमें द्वेष भाव नहीं था. आप सभी की मेहनत से प्रदेश की विकास दर 17: से भी अधिक पर पहुंची. मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के बीच बेहतर तालमेल और सामंजस्य से बड़ी से बड़ी मुश्किलों का हल चुटकियों में निकल गया है. देश में सबसे पहले यदि किसी राज्य ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का रोडमैप तैयार किया तो वो मध्य प्रदेश ने किया. सरकार के सभी विभागों के साथ बैठकर इसे विजन का स्वरुप देने का श्रेय मुख्य सचिव के नेतृत्व और टीमवर्क को जाता है. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना केवल रेल से नहीं हवाई जहाज से चालू कर दी. सीएम राइज स्कूल अपने आप में एक इतिहास बन गया है सरकारी स्कूल अभी एक बना है, बाकी पूरे होने की प्रक्रिया में हैं, इतना भव्य हो सकता है. कोई कल्पना नहीं कर सकता और इसके परिणाम अब दिखने लगे हैं.
हमने लैपटॉप फिर से देना प्रारंभ किया. मुख्यमंत्री स्कूटी योजना, अब ये भी अपने आप में अद्भुत थी कि अपने गांव में सबसे ज्यादा नम्बर लाने वाले एक बेटा और एक बेटी को हमने स्कूटीयां बांट दी. मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना, मुख्यमंत्री जल पात्रता योजना, जिसका क्रियान्वयन अभी तक चल रहा है. मुख्यमंत्री कृषक ऋण ब्याज माफी योजना, 2200 करोड़ रुपये का ब्याज माफ कर दिया. सिकल सेल उन्मूलन मिशन, मेडिकल इंजीनियरिंग पॉलीटेक्निक में पढ़ाई हिंदी में हमने प्रारंभ कर दी. अनुसूचित जाती, जनजाती, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, विमुक्त दुमक्कड़ समुदाय के लिए विभिन्न स्वरोजगार की योजनाएं बनाई. स्व.सहायता समूह को सक्रिय कर आंदोलन बनाया, 17 लाख बहनें हमारी लखपति क्लब में शामिल हो चुकी हैं, मतलब उनकी एक साल की आय 1 लाख रुपये से ज्यादा वो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई हैं.
स्वच्छता में हम नंबर वन
सीएम शिवराज ने कहा कि स्वच्छता में भी हम नंबर एक, स्मार्ट सिटी में भी हम नंबर एक, मध्य प्रदेश देश में सिरमौर हैं. अंकुर जैसे कार्यक्रम वृक्षारोपण के, साक्षरता अभियान अलग-अलग वर्गों की पंचायतें जिसमें कर्मचारी भी शामिल हैं. साथ ही गांव और नगर के गौरव दिवस अद्भुत ढंग से हमने मनाए और लोगों को जोड़ा. आप देखिए हमने कितनी नीतियां बनाई, नई शासकीय शिक्षा नीति हमने बनाई, स्टार्टअप नीति हमने बनाई, सहकारिता नीति हमने बनाई, युवा नीति हमने बनाई, विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति हमने बनाईए, फिल्म नीति हमने बनाई हम एक के बाद एक कई नीतियां बनाते हुए चले गए. उसके साथ रिवेन्यू कलेक्शन आप देखिए मैं बहुत बधाई दे रहा हूं जो राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य थे उनसे बेहतर उपलब्धि हासिल की.
हमने ऐतिहासिक आयोजन किया
हमनें गरीब कल्याण की योजनाएं चलाईं
केन्द्र की योजनाओं में हम आगे रहे
जनभागीदारी के कार्यक्रमों का भी बेहतर क्रियान्वयन
ये विभाग भी नहीं रहे किसी से कम
नए मिशन के साथ नयी उर्जा लिए आगे बढ़े
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने 2030 में जिस मध्यप्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदलने का जो सपना देखा है, वो आपके साथ और आपके समर्पण के बिना पूरा नहीं हो सकता. चाहे अर्थव्यवस्था को 45 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य हो या फिर 1 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का, चाहे कृषि उत्पादन बढ़ाकर 10 करोड़ मीट्रिक टन के स्तर तक ले जाना हो या फिर सिंचाई क्षमता 65 लाख लाख हेक्टेयर तक पहुंचाना हो, चाहे मध्यप्रदेश की ऊर्जा क्षमता 38 हजार मेगावाट से भी अधिक करना हो या फिर बहनों की आमदनी को 10 हजार रु महीना तक पहुंचाने की बात. मुझे पूरा विश्वास है कि आगे भी टीम मध्यप्रदेश मिलकर इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए इसी तरह दिन-रात कार्य करेगी.
आचार संहिता के समय गरीब कल्याण के काम न रोके
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा कि कृपया सुनिश्चित करें कि आदर्श आचार संहिता के नाम पर लोगों के कामों को अनावश्यक रूप से लंबित रखने या परेशान करने की स्थिति निर्मित नहीं होनी चाहिए. जो रूटीन के काम हैं या जो निर्णय हो चुके, जिनके क्रियान्वयन में आचार संहिता आड़े नहीं आती है, वे सभी काम निर्बाध रूप से गतिमान रहें. सामाजिक सुरक्षा से जुडी और हितग्राहीमूलक योजनाओं में विशेष रूप से इस बात को ध्यान रखा जावे ताकि आम आदमी को सहायता से वंचित नहीं रहना पड़े.
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