नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में टेक्सटाइल राउंड टेबल कॉन्फे्रंस में गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के प्रमुख उद्यमियों से मप्र में निवेश के संबंध में चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास और यहां उपस्थित व्यवस्थाओं को उद्यमियों के सामने रखते हुए प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि औद्योगिक इकाई स्थापित करने में जो भी बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है, वो सभी मध्यप्रदेश में उपलब्ध हैं। प्रदेश में लैंड बैंक है, आप उंगली रखिए और एक महीने के अंदर सारी औपचारिकताएं पूरी करके जमीन आवंटित कर दी जाएगी। इस दौरान सीएम ने उद्यमियों से मध्यप्रदेश में इन्वेस्ट करने की बात कही। सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश इन्वेस्ट फ्रेंडली प्रदेश है। निवेशकों की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए हम तत्पर रहते हैं। आवश्यकता पडऩे पर हम पुरानी नीतियों में भी परिवर्तन करने के लिए तैयार रहते हैं। दरअसल सीएम शिवराज सिंह चौहान नई दिल्ली में आयोजित टेक्सटाइल राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में देश के प्रमुख उद्यमियों से मध्यप्रदेश में निवेश के संबंध में चर्चा कर रहे थे। इस दौरान सीएम ने उद्यमियों से कहा कि मध्यप्रदेश अद्भुत प्रदेश है। जल संपदा, वन संपदा, खनिज संपदा, कृषि संपदा, प्रकृति ने मध्यप्रदेश को भरपूर दिया है। सवाल केवल इच्छाशक्ति का था।
मप्र की ग्रोथ रेट देश में सबसे ऊपर
सीएम ने कहा कि देश की जीएसडीपी में मध्यप्रदेश का योगदान 3.6 से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हुआ है। हमारी हिस्सेदारी लगातार बढ़ती जा रही हैं। मध्यप्रदेश में आज चारों तरफ शानदार सड़कें और नेशनल हाईवे हैं। कोविड के कठिन दौर में इस साल मध्यप्रदेश की ग्रोथ रेट करेंट प्राइसेज पर 19.76 प्रतिशत रही है। ये देश में सबसे ऊपर है। सीएम ने कहा कि जब हमने सरकार बनाई तो मध्यप्रदेश में ओवरऑल साढ़े सात लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की व्यवस्था थी। हमारे मन में एक जुनून सवार हुआ कि ‘बिन पानी सब सूनÓ। आज हम 45 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गए हैं और 2026 तक 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएंगे।
प्रदेश में पर्याप्त बिजली
सीएम ने कहा कि बिना बिजली के आज दुनिया चल नहीं सकती है। इसलिए हम बिजली उत्पादन में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। विंड एनर्जी, सौर ऊर्जा, पानी से बिजली उत्पादन करना हो, हमारा जोर ज्यादा से ज्यादा बिजली उत्पादन पर है। रीवा में सबसे बड़ा 750 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित है। अब ओंकारेश्वर डैम के पानी पर सोलर पैनल बिछाकर 600 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में आज भरपूर बिजली उपलब्ध है। प्रदेश में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में भी लगातार काम हो रहा है। हमारा जोर सौर ऊर्जा उत्पादन पर ज्यादा है।
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