उज्जैन। आने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में फिर भाजपा जीते, इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। हर दिन दो-तीन जिले नाप रहे हैं। उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान (Sadhna Singh Chauhan) भी एक गोपनीय धार्मिक यात्रा पर हैं। यह कठिन यात्रा (hard journey) वह एक साधारण शिवभक्त की तरह पूरा कर रही हैं। पिछले तीन दिन से महाकाल वन (mahakal forest) में विराजित अति-चमत्कारी 84 महादेव की यह यात्रा साधना सिंह पूरे विधि-विधान के साथ कर रही हैं। इसके पीछे उनका मनोरथ सिर्फ और सिर्फ आने वाले चुनाव मे मध्यप्रदेश की सत्ता में भाजपा की वापसी है। साथ ही उनके पति शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहे।
धार्मिक नगरी उज्जैन मे इन दिनों तीन वर्षों में एक बार आने वाले अधिक मास पर हजारों श्रद्धालु 84 महादेव, नौ नारायण और सप्तसागर की यात्रा कर रहे हैं। पिछले तीन दिन से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह अपने परिवार की अन्य सदस्यों के साथ मनोरथ को पूर्ण करने वाली 84 महादेव की यात्रा कर रही है। साधना सिंह यदि चाहे तो उनके लिए ऐसे संसाधन जुटाए जा सकते हैं, जिससे उनकी यह यात्रा बेहद आरामदेह तरीके से पूरी हो सकती है, लेकिन गोपनीय तरीके से वह शहर के 84 महादेव जा रही हैं। इस यात्रा में वह किसी भी सुख-सुविधा का उपयोग करने के बजाय सामान्य दर्शनार्थी की तरह भगवान का पूजन-अर्चन करती नजर आ रही हैं।
साधना सिंह धार्मिक प्रवृत्ति की हैं। पूर्व में भी वे सावन मास के सोमवार पर बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन और दर्शन करने के साथ ही सवारी में शामिल होती रही हैं। यह पहला अवसर है जब वह अधिक मास में 84 महादेव और सप्तसागरों की यात्रा कर रही हैं। वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं रहे थे। कांग्रेस की सरकार बनी थी। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में जुड़े और भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाई थी।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित चंदन श्याम नारायण व्यास ने बताया कि पूरे विश्व में उज्जैन एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां बाबा महाकाल के साथ 84 महादेव विराजते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन-पूजन से 84 लाख योनियों के समस्त दोष दूर हो जाते हैं। अधिकमास में यहां दर्शन-पूजन का विशेष विधान है। स्कन्द पुराण के अनुसार मनुष्य 84 लाख योनियों का भ्रमण करते हुए मानव योनि में आता है। मानव योनि में आने के बाद में 84 लाख योनियों के भ्रमण में हमसे जो भी दोष हुआ हो, उनका निवारण इन 84 महादेव के दर्शन से होता है। सप्तसागरों की यात्रा करने से ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवता प्रसन्न होते हैं। इस दौरान पुष्कर सागर में ब्रह्मा जी के निमित्त, रुद्रसागर में भगवान शिव के निमित्त, रत्नाकर सागर में उमा-महेश के निमित्त, क्षीरसागर मे भगवान विष्णु के निमित्त, गोवर्धन सागर मे भगवान श्री विष्णु के निमित्त, विष्णु सागर में विष्णु जी के निमित्त और पुरुषोत्तम सागर में भी विष्णु जी के निमित्त दान दिया जाता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved