मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। ठाणे जिले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना की ‘शाखा’ तोड़े जाने को लेकर पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की चेतावनी को ‘कोरी धमकी’ करार दिया। दरअसल, उद्धव ठाकरे ने शाखा तोड़े जाने को लेकर कहा था कि सत्ता में बैठे सभी लोगों की एक दिन सबक सिखाया जाएगा। उद्धव ने आरोप लगाया कि ठाणे में उनकी पार्टी का स्थानीय कार्यालय तोड़ा गया है। सत्ताधारी पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
एकनाथ शिंदे ने रविवार को एक दिवाली कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शनिवार को जब उद्धव ठाकरे ने मुंब्रा में ‘शाखा’ स्थल का दौरा करने की कोशिश की, तो उन्हें वापस आना पड़ा। उद्धव, शिवसेना के शीर्ष नेताओं के साथ पार्टी की तोड़ी गई शाखा का दौरा करने के लिए मुंब्रा गए थे, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली शिवसेना के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा था।
कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और उन्हें काले झंडे दिखाए। स्थिति तनावपूर्ण होने पर उद्धव और उनकी पार्टी के नेता वहां से चले गए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया कि उद्धव की यात्रा दिवाली उत्सव के दौरान बाधा उत्पन्न करने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव की यात्रा के दौरान मुंब्रा के लोगों ने अपनी ताकत दिखाई। जनता की ताकत के सामने किसी की नहीं चलती।”
सीएम शिंदे ने कहा, “मुंब्रा में शिवसैनिकों के पटाखे जलाने पर उन्हें वहां से जाना पड़ा। शक्ति प्रदर्शन इतना तीव्र था कि शिवसेना यूबीटी नेताओं को पीछे हटना पड़ा।” उन्होंने दावा किया कि हाल के ग्राम पंचायत चुनावों में शिवसेना सातवें स्थान पर चली गई और अगले चुनावों में वह 10वें स्थान पर खिसक जाएगी, क्योंकि लोग उसे करारा जवाब देंगे। मुख्यमंत्री ने ‘शाखा’ भूमि पर अतिक्रमण को लेकर उद्धव के आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह उत्सव के माहौल को बर्बाद नहीं करेंगे और अपने काम के जरिये आरोपों का जवाब देंगे।
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