पटना। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोब्डे (Chief Justice Sharad Arvind Bobde) ने शनिवार को पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, (CM Nitish) सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी समेत कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कानून का राज कायम करना सिर्फ राज्य और केंद्र की सरकार का काम नहीं, इसके लिए न्यायालय की भी अपनी जिम्मेदारी बनती है। विधायिका कानून तो बना सकती है पर सबसे बड़ी भूमिका न्यायपालिका की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वचन देते हैं कि जब तक वह काम करते रहेंगे, न्यायपालिका की जरूरत से संबंधी जो भी प्रस्ताव आएगा, उसे स्वीकार करेंगे ताकि लोगों को न्याय मिल सके।
सीएम नीतीश ने कहा कि वर्ष 2006 में बिहार में सरकार चलाने की जिम्मेदारी मुझे दी गयी थी, तो अपराध के मामले में ट्रायल होने की पटना उच्च न्यायालय के स्तर पर मॉनीटरिंग की गयी। तेजी से ट्रायल हुआ। न्यायाधीशगण को जिस जिले की जिम्मेवारी थी, उस पर उन्होंने नजर रखा। न्यायालय ने काम किया और अपराधियों को सजा मिलनी शुरू हुई। बिहार में अपराध की संख्या में कमी आयी।
सीएम ने कहा कि ट्रायल का काम तेजी से चलेगा तो अपराध पर अंकुश लगना स्वाभाविक है। न्यायपालिका का काम सबसे अहम है। हम लोगों के पास जो भी प्रस्ताव आता है, उसे हम स्वीकार करते हैं। न्यायपालिका के लिए जो भी जरूरत है, जो भी प्रस्ताव होगा, उसे हम तत्काल स्वीकार करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर चिंता जताई
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज कुछ लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर हैं। एजेंडा सेट करने के लिए लोग अपने हिसाब से जजमेंट चाहते हैं। मन-मुताबिक फैसला नहीं आने पर जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जाती है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। भारत स्वतंत्र राष्ट्र है, यहां बोलने की आजादी है, लेकिन नया ट्रेंड शुरू किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि आज मैं जीवन में जो भी कुछ कर पाया हूं, जो भी बन पाया हूं उसमें पटना हाईकोर्ट की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि उनके कई वर्ष यहीं गुजरे हैं।
शताब्दी भवन की विशेषता
पटना हाईकोर्ट की पुरानी बिल्डिंग के बगल में ही नए शताब्दी भवन का निर्माण किया गया है। 203.94 करोड़ की लागत से शताब्दी भवन का निर्माण हुआ है। नए भवन में 43 कोर्ट रुम, 57 चैंबर्स बनाए गए हैं। इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त दो लाइब्रेरी भी हैं। कुल 129 गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चार फरवरी 2014 को इस भवन का शिलान्यास किया था ।
कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता शामिल हुए। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और हाईकोर्ट के सभी जज इस मौके पर मौजूद रहे। साथ ही झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा भी पटना हाईकोर्ट शताब्दी भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल रहे। एजेंसी
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