पटना: इस वक्त बिहार और दिल्ली के सियासी गलियारे से बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 सितंबर को अपने तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली रवाना होने वाले हैं. दिल्ली दौरे के दौरान नीतीश कुमार कई सीनियर नेताओं से मुलाकात करेंगे. नीतीश कुमार के इस दौरे को काफी मायनों में खास बताया जा रहा है. इसे नीतीश कुमार की देश में विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश के रुप में भी देखा जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार दिल्ली में 5 से 7 सितंबर तक रहेंगे. इस दौरान वह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा नीतीश कुमार अन्य दलों के भी शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर विपक्षी एकता को एकजुट करने का बिगुल फुकेंगे. बता दें, जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी कहा है कि नीतीश कुमार जल्द ही देशभर की विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने के लिए देशव्यापी अभियान पर निकलने वाले हैं. ऐसे में नीतीश कुमार का यह दिल्ली दौरा इस अभियान के पहले पड़ाव के रूप में भी देखा जा रहा है.
पटना में बैठक के दौरान लगने लगे नारे
फिलहाल बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड की शनिवार से दो दिवसीय बैठक शुरू हुई. इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी का सामूहिक रूप से मुकाबला करने के अलावा महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई. जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एकजुट विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने की चर्चा जोरों पर है. आज इस बैठक की एक खास बात यह भी रही कि बैठक में शामिल हुये नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक शुरू में नारा लगाना शुरू कर दिया- देश का प्रधानमंत्री कैसा हो…नीतीश कुमार जैसा हो…
जदयू ने थर्ड फ्रंट से किया इनकार
जदयू की बैठक के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी जदयू की चिंता छोड़ दे और 2024 की चिंता करे. उन्होंने कहा कि फिलहाल थर्ड फ्रंट बनाने की कोई जरूरत नहीं है. जदयू का यह प्रयास है कि सभी दलों को एक मंच पर लाएं और एक साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ जाएं. बता दें, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद इन दिनों नीतीश कुमार को 2024 में पीएम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करने को लेकर चर्चा तेज हो गयी है.
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