भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) एक बार फिर अचानक दिल्ली पहुंच गए हैं। सीएम यादव गुरुवार रात राजधानी पहुंचे। शुक्रवार सुबह उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) से मुलाकात की जगदीप धनखड़ के साथ इस मुलाकात की कुछ तस्वीरें सीएम मोहन यादव CM Mohan Yadav() ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर की हैं। इन तस्वीरों के साथ सीएम ने कैप्शन में लिखा कि आज दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिला। यह हमारी सौजन्य भेंट रही।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि 24 -25 फरवरी को उज्जैन में सीएम के बेटे का विवाह समारोह है। इसी समारोह का निमंत्रण पत्र देने के लिए वे बार-बार दिल्ली आ रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को निमंत्रण दिया था। सीएम गुरुवार रात करीब दस बजे दिल्ली आए थे। शुक्रवार सुबह उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को शादी का न्यौता दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री करीब सात घंटे मध्यप्रदेश भवन में रहे। इस दौरान उन्होंने किसी से भेट-मुलाकात नहीं की। शाम करीब पांच बजे सीएम रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी संस्थान के कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद वे भोपाल रवाना हो गए।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पीयूष बबेले अमर उजाला से चर्चा में कहते हैं, मध्यप्रदेश में इन दिनों महत्वपूर्ण विधानसभा का सत्र चल रहा है। हरदा कांड के अलावा कई जनहित के मुद्दे इन दिनों में विधानसभा में गूंज रहे हैं। बावजूद इसके एमपी के सीएम दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। लिहाजा उनकी नियुक्ति दिल्ली से हुई हैं और उन्हें मध्यप्रदेश की जनता ने नहीं चुना है, इसलिए वे मध्यप्रदेश के विकास के साथ ज्यादा सरोकार नहीं रख पा रहे हैं।
मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश मंत्री लोकेंद्र पाराशर अमर उजाला से बातचीत में कहते हैं कि मुख्यमंत्री प्रदेश के साथ साथ अपने परिवार के भी मुखिया हैं। उनकी अपने परिवार के प्रति भी कुछ जिम्मेदारियां हैं। वे अपनी इन्हीं जिम्मेदारियों निर्वहन करते हुए अगर शादी समारोह का निमंत्रण देने जा रहे हैं, तो इसमें क्या गलत है। जहां तक बात विधानसभा सत्र की है, तो ऐसा कोई नियम नहीं है कि सीएम राज्य से बाहर नहीं जा सकता है।
हाल ही सीएम यादव ने डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इन मुलाकातों के दौरान डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को दी थी। शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बाद डॉ. यादव ने कहा था कि प्रधानमंत्री को बताया कि प्रदेश में किस तरह विकास कार्यों की गति दी जा रही है। उन्होंने प्रदेश के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आश्वासन भी दिया है कि राज्य में विकास कार्यों में केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री को मंत्रियों के लिए आयोजित ट्रेनिंग वर्कशॉप की जानकारी भी दी गई। इस पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की।
डॉ. मोहन यादव ने दिसंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तब से अब तक उनके दिल्ली के कई दौरे हो चुके हैं। मंत्रियों का नाम तय करने से लेकर विभागों के बंटवारे तक, हर फैसले केंद्रीय नेताओं की रायशुमारी से लिए गए हैं। जानकार कहते हैं कि डॉ. यादव पहली बार के मुख्यमंत्री हैं। इस वजह से वह सभी बातों को समझ रहे हैं। कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श कर रहे हैं। वे रविवार को दिल्ली पहुंचे और सुबह एक कार्यक्रम में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 फरवरी को मध्यप्रदेश के झाबुआ से लोकसभा चुनाव का आगाज करेंगे। पीएम मोदी के इस दौरे में परिवर्तन होने की बात सामने आ रही थी, लेकिन प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने इसे भ्रामक और तथ्यहीन बताया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी तय कार्यक्रम के अनुसार 11 फरवरी को झाबुआ आएंगे।
जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी झाबुआ से लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। वे यहां पर एक रैली को संबोधित कर मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र से आगामी चुनाव का प्रचार अभियान शुरू करेंगे। पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने के लिए भाजपा नेता और कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हुए हैं। पार्टी आदिवासी समुदायों के प्रमुख व्यक्तियों और संतों को आमंत्रित कर रही है। झाबुआ आने पर तीर-धनुष और ढोल जैसे पारंपरिक आदिवासी प्रतीकों से पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया जाएगा।
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