इंदौर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार सुशासन और पारदर्शिता के नए आयाम स्थापित कर रही है. मुख्यमंत्री की सजगता और सक्रियता से प्रदेश के आम नागरिकों की राह आसान हुई है. पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन से प्रदेश में राजस्व से जुड़े मामलों का तेजी से निराकरण किया जा रहा है. 15 जनवरी से 10 मार्च तक राजस्व महाअभियान चलाकर 30 लाख से अधिक लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में लंबित राजस्व प्रकरणों मसलन नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन, अभिलेख दुरुस्ती, नक़्शे पर तरमीम के निराकरण के लिए राजस्व महाअभियान शुरू करने के निर्देश दिए थे, ताकि लोगों को सरकारी कार्यालयों में बार-बार भटकना न पड़े. मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर विभाग द्वारा राजस्व महाअभियान चलाया गया, जिसका लाभ प्रदेश के लाखों नागरिकों का मिला है.
दो चरणों में 30 लाख से अधिक लंबित प्रकरणों का निराकरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार प्रदेश में राजस्व महाअभियान का प्रथम चरण 15 जनवरी से 29 फरवरी तक चलाया गया. जिसके तहत राज्य, जिला और तहसील स्तर पर रोजाना प्रकरणों को लेकर मॉनिटरिंग के लिए राजस्व महाभियान डैशबोर्ड बनाकर कार्य की समीक्षा की गई. अभियान के प्रथम चरण में 26 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया. इसकी सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजस्व महाअभियान को 15 मार्च 2024 तक बढ़ाने के निर्देश दिए थे. परिणामस्वरूप अभियान के द्वितीय चरण में 1 मार्च से 10 मार्च तक 4 लाख से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया.
10 मार्च तक इन लंबित प्रकरणों का हुआ निराकरण
राजस्व महाअभियान के तहत 15 जनवरी से 10 मार्च तक कुल 3,23,016 प्रकरणों का नामांतरण, बंटवारे के 40,414 प्रकरण, सीमांकन के 43,189 प्रकरण, अभिलेख दुरुस्ती के 27,373 प्रकरण, नक्शा तरमीम के 26,14,263 प्रकरण सहित कुल 30,48,255 प्रकरणों का निराकरण किया गया.
लंबित नामांतरण में इन जिलों ने किया बेहतर प्रदर्शन
राजस्व महाअभियान के अंर्तगत प्रदेश के लंबित राजस्व प्रकरणों के निपटान और नामांतरण में बेहतर कार्य किया है जिनमें अनूपपुर, पाढुर्णा, विदिशा, अशोकनगर, निवाड़ी, दतिया, सीहोर, गुना, हरदा, रायसेन, शिवपुरी, सिवनी, छिंदवाड़ा, आलीराजपुर, श्योपुर, आदि जिले प्रकरणों के निराकरण में शत प्रतिशत रहे। तो वहीं जबलपुर, झाबुआ, सिंगरौली, बुरहानपुर, बालाघाट, नीमच, नरसिंहपुर, बडवानी, डिन्डोरी, खंडवा, ग्वालियर, सागर, छतरपुर आदि जिलों में 99% लंबित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण किया गया है.
पारदर्शी प्रणाली से नागरिकों को हुई सुविधा
अब साधारण और डिजिटली प्रमाणित भू-अभिलेख प्रतिलिपि, अभिलेखागार के अभिलेख प्रतिलिपि (खसरा/खतौनी) साधारण और डिज़िटली प्रमाणित भू नक्शा नक्शा भू-अधिकार पुस्तिका, राजस्व न्यायालय आदेश प्रतिलिपि, आबादी अधिकार अभिलेख, व्यपवर्तित भूमि-राजस्व भुगतान, व्यपवर्तन सूचना, व्यव्हार न्यायालय प्रकरण, दृष्टि बंधक, भू राजस्व भुगतान, MP Online/LSK/CM Care के माध्यम से प्रमाणित भू-अभिलेख प्रति डाउनलोड, ट्रांज़ैक्शन विवरण, भूमि बंधक, कृषि भूमि राजस्व विभाग, DS दस्तावेज़ खोजें, जमानत विवरण इत्यादि की जानकारी कहीं से भी देख और निकाल सकेंगे.
बंटवारा प्रकरण के निराकरण में इन जिलों का श्रेष्ठ प्रदर्शन
अभियान के तहत अशोकनगर, इंदौर, कटनी, झाबुआ, डिन्डोरी, पांढुर्णा, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर, हरदा, विदिशा, गुना, रायसेन, दतिया, नीमच, निवाड़ी आदि जिलों में बंटवारा सम्बंधित 100% मामलों का, आगर मालवा, अनूपपुर, खरगौन, ग्वालियर, खण्डवा द्वारा 99 % प्रकरणों निराकरण अभियान अवधि में किया जा चुका है. सीमांकन सम्बंधित 100% प्रकरणों का इंदौर, शहडोल, अनूपपुर, अशोकनगर, आलीराजपुर, कटनी, गुना, ग्वालियर, छतरपुर, छिंदवाड़ा, झाबुआ, डिन्डोरी, दतिया, देवास, निवाड़ी, नीमच,पांढुर्णा, बुरहानपुर, मंडला रायसेन, विदिशा, शाजापुर, शिवपुरी, श्योपुर, सागर, सिवनी, सीहोर, हरदा आदि जिलों में निराकरण किया जा चुका है.
अभिलेख दुरुस्ती में इन जिलों ने किया अच्छा काम
राजस्व महाअभियान के तहत अभिलेख दुरुस्ती का कार्य भी तेजी से जारी है जिसमें झाबुआ, विदिशा, सीहोर, हरदा द्वारा 100 % एवं मैहर, छतरपुर, सिवनी द्वारा 99% लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है. इसी तरह बुरहानपुर खण्डवा, पांढुर्णा, भिंड, विदिशा, झाबुआ, निवाड़ी, मंडला,आगर मालवा, सिवनी आदि जिले नक्शा तरमीम के कार्य में अग्रणी हैं.
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