नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि को लेकर बड़ा बयान दिया है. स्टालिन ने मंगलवार (14 अगस्त) को कहा कि राज्यपाल आरएन रवि के नीट समर्थक रुख के विरोध में तमिलनाडु सरकार स्वतंत्रता दिवस पर उनकी ओर से आयोजित की जाने वाली चाय पार्टी का बहिष्कार करेगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दो दिन पहले आरएन रवि ने कहा था कि वह तमिलनाडु सरकार के नीट विरोधी विधेयक को कभी भी मंजूरी नहीं देंगे. यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. रवि ने कहा कि राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (NEET) के बिना उपलब्धियां भविष्य के लिए पर्याप्त नहीं हैं और यह परीक्षा जारी रहेगी.
NEET के समर्थन में राज्यपाल ने क्या कहा था?
नीट स्नातक 2023 में शीर्ष अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों के साथ बातचीत के दौरान राज्यपाल रवि ने कहा था, “देखिए, मैं (विधेयक को) मंजूरी देने वाला अंतिम व्यक्ति होऊंगा. इसे कभी भी मंजूरी नहीं दूंगा. मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चे बौद्धिक रूप से अक्षम महसूस करें. मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे प्रतिस्पर्धा करें और सर्वश्रेष्ठ बनें. उन्होंने यह साबित कर दिया है.”
NEET पर राज्यपाल के रुख के खिलाफ DMK और भाकपा
राज्यपाल के इस बयान पर सत्तारूढ़ DMK और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. दरअसल, एक अभिभावक ने राज्यपाल से ‘नीट को प्रतिबंधित करने के लिए मंजूरी’ देने का आग्रह किया था. उनका मतलब केंद्रीय परीक्षा से राज्य को छूट देने का प्रावधान करने वाले तमिलनाडु विधानसभा के एक विधेयक को मंजूरी देने से था.
‘मैं आपको बहुत स्पष्ट रूप से बता रहा हूं’
रवि ने कहा, “मैं आपको बहुत स्पष्ट रूप से बता रहा हूं, मैं नीट (विधेयक) को कभी भी मंजूरी नहीं दूंगा. वैसे भी यह राष्ट्रपति के पास गया है क्योंकि यह समवर्ती सूची का विषय है और यह ऐसा विषय है जिसे मंजूरी देने के लिए केवल राष्ट्रपति ही सक्षम हैं.” उन्होंने कहा कि एक मिथक फैलाया जा रहा है कि केवल कोचिंग केंद्रों की सेवाओं का उपयोग करने वाले ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर सकते हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सीबीएसई पाठ्यक्रम ‘मानक’ है.
पिछले साल तमिलनाडु विधानसभा से पारित हुआ था विधेयक
राज्य विधानसभा ने पिछले साल एक बार फिर तमिलनाडु को नीट से छूट देने का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित किया था. इससे पहले विधेयक को राज्यपाल रवि ने लौटा दिया था. DMK के छात्र शाखा के नेता और पार्टी के प्रवक्ता आर. राजीव गांधी ने रवि के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके रवैये को अहंकारी बताया था.
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