चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Haryana Chief Minister Manohar Lal) ने कहा कि अब विद्यालयों में भी छात्र गीता का अध्ययन करेंगे। अगले शैक्षणिक स्तर से प्रदेशभर के विद्यालयों में छात्रों से श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagavad Gita) के श्लोकों का उच्चारण करवाया जाएगा। इसके बाद पुस्तकों को लिखवाकर पांचवीं व छठी कक्षा में पढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शनिवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में की। इस दौरान उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष की मौजूदगी में सबसे पहले गीता ज्ञान संस्थानम में पहुंचकर जीयो गीता सभागार का लोकार्पण किया। इसके बाद गीता ज्ञान संस्थानम और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित छठी अंतरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले गीता जयंती एक सामान्य उत्सव की तरह चल रहा था लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से गीता जयंती उत्सव को बड़ा स्वरूप देने का निर्णय लिया। आज देश ही नहीं विदेशों में भी गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। विश्व में बहुत से ग्रंथ ऐसे हैं, जिनमें अलग-अलग विचार दिए गए हैं लेकिन गीता के मुकाबले कोई ग्रंथ नहीं जो जीवन को एक दिशा देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को गीता का सार अपने जीवन में उतारना चाहिए। गीता का संदेश अर्जुन के लिए नहीं बल्कि हम सबके लिए दिया गया था। यह संदेश यदि पूरा का पूरा जीवन में उतर जाए तो अच्छी बात है लेकिन एक श्लोक भी हम जीवन में उतार लें तो जीवन सफल हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता संदेश देती है कि हमें कर्म करते रहना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। फल की इच्छा रहेगी तो जीवन में अंसतोष आएगा, निराशा आएगी, इसलिए गीता के संदेश को जीवन में अनुसरण करना चाहिए। एजेंसी/हिस
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