कोलकाता। पश्चिम बंगाल(West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि वह बदले की राजनीति(Politics) में विश्वास नहीं करतीं, अन्यथा राज्य की सत्ता संभालने के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कुछ नेताओं को जेल भेजने के लिए उनके पास पर्याप्त आधार थे. तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ के त्योहारी संस्करण का विमोचन करते हुए बनर्जी ने सोशल मीडिया (social media) के जरिये ट्रोलिंग किये जाने का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि प्रदेश के बारे में दुष्प्रचार फैलाने (spreading propaganda) के लिए बाहरी लोगों को इस्तेमाल किया गया है.
ममता ने दिखाए कड़े तेवर
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं दिल्ली जाती हूं तो कई बार मुझे शर्मिंदगी(embarrassment) महसूस होती है जब यह पता चलता है कि कैसे कुछ लोग बंगाल(Bengal) को बदनाम करने के लिए झूठ फैला रहे हैं और कैसे वे राज्य को बदनाम करते हैं.’’
उन्होंने कहा कि उनकी या उनकी पार्टी के नेताओं की किसी एक विशेष टिप्पणी को उठाया जाता है और सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाता है. ममता ने आगे कहा कि गलत सूचना फैलाने के लिए कुछ बाहरी लोगों को काम पर रखा गया है. यह हमारे राज्य की संस्कृति नहीं है.
माकपा ने लगाया था आरोप
माकपा ने कहा था कि एक के बाद एक ममता बनर्जी की पार्टी के नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जेल जा रहे हैं. माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि ममता बनर्जी निराश हैं. उन्हें वाम मोर्चे के 34 साल के शासन के दौरान का कोई भी गलत काम नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वहीं, हर कोई जानता है कि एक के बाद एक उनकी पार्टी के नेता कैसे भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि टीएमसी के नेताओं के पास से करोड़ों रुपये भी बरामद किए गए हैं. वह इससे हताश हैं और अलग-अलग आरोप लगा रही हैं.
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