नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने शनिवार को दावा किया कि सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) के खिलाफ ‘‘साजिश’’ का पर्दाफाश हो गया है। केजरीवाल ने दावा किया कि केंद्र सरकार (Central government) ने अदालत में स्वीकार किया है कि वह ‘आरोपी’ नहीं हैं। केजरीवाल ने यह टिप्पणी मीडिया में आईं खबरों के बाद की, जिनमें दावा किया गया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा है कि जैन ”आरोपी नहीं हैं।”
“सत्येंद्र जैन ‘आरोपी’ नहीं हैं”
केंद्र सरकार ने खुद ही कोर्ट में बोल दिया कि सत्येंद्र जैन “आरोपी” नहीं हैं। जब आरोपी ही नहीं हैं तो भ्रष्ट कैसे हुए? मनीष सिसोदिया जी आज भाजपा के एक बड़े नेता का खुलासा करेंगे। वो देश को बतायेंगे कि असली भ्रष्टाचार क्या होता है और बड़े भ्रष्टाचारी कैसे होते हैं pic.twitter.com/MgUF0DEwxJ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 4, 2022
आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से जारी एक बयान में केजरीवाल के हवाले से कहा गया है, ”केंद्र सरकार ने खुद अदालत में स्वीकार किया है कि सत्येंद्र जैन ‘आरोपी’ नहीं हैं। जब वह आरोपी नहीं हैं, तो वे उन्हें भ्रष्ट कैसे कह सकते हैं?” बयान में पार्टी सांसद संजय सिंह के हवाले से कहा गया है, “कल जब उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई, तो ईडी ने कहा कि जैन के खिलाफ कोई प्राथमिकी या शिकायत नहीं है। उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है और फिर भी स्मृति ईरानी सहित भाजपा के मंत्रियों ने उन्हें राष्ट्रीय टेलीविजन पर भ्रष्ट कहा है।” संजय सिंह ने कहा कि ईडी ने खुद उच्च न्यायालय में स्वीकार किया है कि जैन के खिलाफ कोई शिकायत या प्राथमिकी नहीं है।
जैन को लेकर केजरीवाल पर हमलावर बीजेपी
जैन को 30 मई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था और एक निचली अदालत ने उन्हें नौ जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि वह जांच एजेंसियों और उच्च न्यायालय का ‘‘अनादर’’ न करें। उन्होंने कहा कि केजरीवाल जवाब दें कि क्या वह ‘‘काले धन का इस्तेमाल करने वाले और 200 बीघा जमीन हड़पने वाले’’ सत्येंद्र जैन को एक ईमानदार आदमी मानते हैं। केंद्रीय मंत्री ईरानी ने यह भी दावा किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले के एक आदेश में पाया था कि जैन ने हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये का शोधन किया था और उन्हें चार मुखौटा कंपनियों में भागीदार पाया था।
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