गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के दौरान लोकसभा से वॉकआउट करने पर शुक्रवार को विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि उनके वॉकआउट से उनकी योजना का पता चलता है कि उनका मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष सिर्फ संसद को बाधित करना चाहता है।
सीएम सरमा ने कहा, विपक्ष ने मांग की कि पीएम मोदी को मणिपुर पर बोलना चाहिए और जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो वे बाहर चले गए। इससे उनकी योजना पूरी तरह से उजागर हो गई कि विपक्ष का इरादा मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं था। वे सिर्फ संसद को बाधित करना चाहते थे। मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के भाषण की भी प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने दिल से बात की और उन्होंने मणिपुर के लोगों के प्रति अपना स्नेह दिखाया।
सीएम सरमा ने कहा, पीएम मोदी ने अपने दिल से बात की। उन्होंने मणिपुर के लोगों के प्रति अपना स्नेह भी दिखाया। एक प्रमुख पार्टी के रूप में उन्हें प्रधानमंत्री का भाषण आखिरी तक सुनना चाहिए था। चूंकि प्रधानमंत्री कई मुद्दों पर विपक्ष को निशाने पर ले रहे थे, I.N.D.I.A गुट के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया, जिससे वहां विपक्ष की बेंचें खाली हो गईं।
हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया। एनडीए ने लोकसभा में ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव को आसानी से हरा दिया। इस बीच पीएम मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का ‘आश्वासन’ दिया। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए काम कर रही हैं। पीएम ने कहा कि सरकार वहां हालात सामान्य करने के लिए कदम उठा रही है।
पीएम मोदी ने अपनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा, राज्य और केंद्र दोनों सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में मणिपुर में शांति बहाल की जाएगी। उन्होंने कहा, महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध हुए हैं और वे अक्षम्य हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश मणिपुर के लोगों के साथ है।
उन्होंने कहा, मैं मणिपुर की महिलाओं और बेटियों सहित मणिपुर के लोगों को बताना चाहता हूं कि देश आपके साथ है। बता दें कि विपक्ष ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तीन दिनों में मणिपुर हिंसा और अन्य ज्वलंत मुद्दों पर सत्तारूढ़ और विपक्षी गठबंधन के बीच तीखी बहस हुई।
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