गुवाहाटी (Guwahati)। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) अपने बयानों को लेकर हमेशा मीडिया सुर्खियों (media headlines) में बने रहते हैं। इस बार फिर जैविक खेती पर जोर देते हुए फर्टिलाइजर जिहाद को खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया है। उन्होंने प्राकृतिक खेती का आह्वान करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान फर्टिलाइजर जिहाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर किए गए अपने वादे पर वह कायम हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि हमारी मिट्टी और प्रकृति में इतनी शक्ति छिपी हुई है कि अगर हम उस शक्ति का उपयोग करना सीख जाएं तो यूरिया, फॉस्फेट, नाइट्रेट की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिस समय वह असम की सत्ता में आए थे तब उन्होंने सार्वजनिक मंच पर एक बात कही थी कि हमारे राज्य में खाद्य सामग्री उगाने के लिए फर्टिलाइजर का उपयोग किया जा रहा है, जो लंग्स और हार्ट संबंधी बीमारियों का कारण बन रहा है। उनकी इस टिप्पणी को राज्य में बसी बंगाली मुस्लिम आबादी से जोड़कर देखा जा रहा है। असम के बड़े हिस्से में बंगाली मुस्लिम खेती करते हैं। ऐसे में विपक्ष उनकी टिप्पणी को बंगाली मुस्लिमों पर केंद्रित मान रहा है।
उन्होंने जिस क्षेत्र का जिक्र किया था, वह दरंग जिले में स्थित है। इस इलाके में बंगाली मूल के मुसलमानों का वर्चस्व है और यहां सबसे ज्यादा सब्जियां उगाई जाती हैं। गुवाहाटी समेत अन्य क्षेत्रों में यहीं से सब्जियों की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि जोरहाट, शिवसागर और अन्य ऊपरी असम जिलों के लोग खरुपेटिया और दलगांव सब्जियों पर निर्भर हैं, लेकिन वे किसान सब्जियों के तेजी से उत्पादन और संरक्षण के लिए खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल करते हैं।
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