जयपुर। राजस्थान (rajasthan) के सियासी गलियारों (political corridors) में एक बार फिर से हलचल है. सीएम अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot) की ओर से शनिवार को सीकर में दिए गए बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. एकजुटता के तमाम दावों के बावजूद गहलोत-पायलट ( (Sachin Pilot vs Ashok Gehlot) ) की सियासी अदावत जगजाहिर है. लेकिन सियासी बगावत का चैप्टर क्लोज होने के बाद यह पहली बार है जब गहलोत ने सीधे तौर पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) के सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। बीते लंबे समय से गहलोत-पायलट के बीच कोल्ड वार तो चल रहा था लेकिन खुले तौर पर एक-दूसरे का नाम लेने से परहेज किया जा रहा था.
अब तक दोनों इशारों ही इशारों में एक-दूसरे पर तंज कस रहे थे. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव से महज सवा साल पहले यह लक्ष्मण रेखा टूटती हुई नजर आ रही है. सीएम गहलोत हमला तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर बोल रहे थे लेकिन बयान की सुई शेखावत के साथ सचिन पायलट पर भी घूम गई. दरअसल गजेंद्र सिंह शेखावत ने कुछ दिनों पहले सचिन पायलट से चूक होने का बयान दिया था. इस पर सीएम गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि इससे प्रूव हो गया कि सरकार गिराने की साजिश में आप सचिन पायलट के साथ मिले हुए थे. सीएम गहलोत का यह बयान आते ही राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई. कयास लगाए जाने लगे कि आखिर सीएम गहलोत ने सीधे तौर पर सचिन पायलट का नाम क्यों लिया?
क्या पूरी हुई धैर्य की परीक्षा?
मुख्यमंत्री के इस बयान को राहुल गांधी द्वारा पिछले दिनों दिए गए बयान से भी जोड़कर देखा जाने लगा है. दिल्ली में कांग्रेसियों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि मैंने और सचिन पायलट ने काफी पेशेंस रखा है. राहुल गांधी के इस बयान को बड़ा सियासी इशारा समझा गया. सचिन पायलट के करीबी और उनके समर्थक यह मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश में जुलाई महीने में बड़ा सियासी उलटफेर होने वाला है. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को भी पायलट समर्थक इसी सियासी अटकल से जोड़ रहे हैं. पायलट समर्थक हालांकि कैमरे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड यह कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने यह बयान पायलट समर्थकों को उकसाने के लिए दिया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved