त्रिपुरा | त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब मीडिया के खिलाफ अपने बयानों का बचाव किया है। देब ने कहा है कि उन्होंने किसी को धमकाया नहीं है, लेकिन वह उन ‘दुष्प्रचारों और षड्यंत्रों’ के खिलाफ लोगों को सतर्क करना चाहते थे, जिनके कारण ‘बंदर अकसर बाघ बन जाते हैं और बाघ बंदर बन जाते हैं’। पत्रकारों ने देब को अपना बयान वापस लेने के लिए तीन दिन का समय दिया था, जो बुधवार को समाप्त हो गया। पत्रकारों ने बुधवार को कहा कि वे इस मामले पर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे और राज्यपाल आर के बैस, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और एडिर्ट्स गिल्ड ऑफ इंडिया से इस मामले पर बात करेंगे।
इससे पहले देब ने मंगलवार को कहा कि उनका मकसद किसी का अपमान करना या किसी का दिल दुखाना नहीं था, लेकिन वह लोगों को सतर्क करना चाहते थे ताकि वे दुष्प्रचार एवं षड्यंत्रों के कारण बेवकूफ न बनें। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को दक्षिण त्रिपुरा जिले के सबरूम में पहले विशेष आर्थिक क्षेत्र की आधारशिला रखने के बाद कहा था, ‘कुछ समाचार पत्र लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, वे उत्तेजित हो रहे हैं … इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा, त्रिपुरा के लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे और मैं, बिप्लब देब उन्हें माफ नहीं करूंगा। मैं जो कहता हूं, वह करता हूं, इतिहास इस बात का गवाह है।’ यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और पत्रकारों ने इस पर नाराजगी जताई थी।
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