रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने जीएसटी क्षतिपूर्ति (GST Compensation) को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ राज्यों का एक साझा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू की है. बघेल ने जिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा (Letter to other CMs) उसमें महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं. सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर बताया ‘‘ केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि जून, 2022 के बाद राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति बंद कर दी जाएगी. मैंने 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार से क्षतिपूर्ति दस वर्ष तक जारी रखने के लिए साझा आग्रह किया जाए.’’
राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल, ओडिशा , आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा तथा बिहार के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह किया है वह केंद्र सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति दस वर्ष तक जारी जारी रखने का साझा अनुरोध करें. मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में बघेल ने कहा, ‘‘ छत्तीसगढ़ समेत उत्पादक राज्यों को जीएसटी मुआवजा नहीं मिलने से बड़ा आर्थिक नुकसान होगा. उत्पादक राज्य होने के नाते देश की अर्थव्यवस्था के विकास में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है, जिन्हें वस्तुओं और सेवाओं की अधिक खपत के कारण जीएसटी से लाभ हुआ है.’’
छत्तीसगढ़ को पांच हजार करोड़ रुपए का हो सकता है नुकसान
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति जून 2022 से आगे जारी नहीं रखी गयी, तो छत्तीसगढ़ को आगामी वित्त वर्ष में पांच हजार करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा,‘‘ इसी तरह आपके राज्य में भी आगामी वित्त वर्ष में राजस्व प्राप्तियों में कमी हो सकती है. इससे लोक कल्याण और विकास कार्यों के लिए धन की व्यवस्था करना बहुत कठिन हो जाएगा.’’
बघेल ने मुख्यमंत्रियों से कहा है कि जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत के बाद कर नीति पर राज्यों की स्वायत्तता काफी कम हो गई है और राज्यों के पास राजस्व बढ़ाने के लिए बहुत सारे विकल्प नहीं हैं, इसलिए अर्थव्यवस्था पर कोविड के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने के लिए और जीएसटी व्यवस्था के वास्तविक लाभ मिलने तक, समान हितों वाले राज्यों को मिलकर केंद्र सरकार से अनुरोध करना चाहिए कि वह कम से कम अगले पांच वर्षों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति के मौजूदा तंत्र को जारी रखें या राज्यों के लिए राजस्व में कमी की भरपाई के लिए एक वैकल्पिक अस्थायी तंत्र तैयार करे.
उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि आप हमारी चिंता से सहमत होंगे और अपनी एकजुटता और समर्थन से केंद्र सरकार को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सहमत कराने के हमारे प्रयासों में शामिल होंगे.’’
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