नई दिल्ली (New Dehli) । पंजाब (Punjab) में बाढ़ (flood) के हालात हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने होशियारपुर में उन लोगों (people) को बचाया, जो पोंग बांध (Dam) से पानी छोड़े जाने के बाद अपने घरों (houses) के ऊपर रहने को मजबूर थे. मान खुद नाव लेकर पहुंचे और लोगों को बाहर निकाल कर लेकर आए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ग्राउंड जीरो पर जाकर हालात का जायजा ले रहा हूं.
पंजाब में फिर बाढ़ आ गई है. पोंग और भाखड़ा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद होशियारपुर, गुरदासपुर और रूपनगर और कपूरथला जिलों के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए हैं. ये जिले बाढ़ के पानी से बेहाल हैं. गुरुवार को होशियारपुर में बाढ़ के पानी में घिरे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान नाव लेकर पहुंच गए. सीएम ने उन लोगों को सुरक्षित बाहर निकलवाया. यह लोग बाढ़ के चलते अपने घरों की छत पर डेरा डाले थे. स्थानीय लोगों ने बताया कि होशियारपुर में पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ आ गई है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया और कहा, पंजाब में फिर से बाढ़ आ गई है. लेकिन मैं हर दिन हालात से वाकिफ हो रहा हूं. आज ग्राउंड जीरो पर होशियारपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. स्थानीय लोगों से बातचीत की और हौसला बनाए रखने की अपील की. समय कठिन है लेकिन एक के साथ दूसरा भी गुजर जाएगा. सरकार वादे के मुताबिक लोगों के सभी नुकसान की भरपाई करेगी. जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी.
कपूरथला में बाढ़ प्रभावित गांवों से 300 लोगों को बचाया
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने गुरुवार को पंजाब के कपूरथला में बाढ़ग्रस्त गांवों से करीबों 300 लोगों को बचाया और राज्य के कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य जारी रखा. कपूरथला के उपायुक्त करनैल सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और सेना की छह टीमों ने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए छह नावें लगाईं और निकाले गए सभी लोगों को राहत शिविरों में भेजा.
‘ब्यास नदी में आई बाढ़’
भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण ब्यास नदी में आई बाढ़ से कुल 22 गांव प्रभावित हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार तक स्थिति में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि कुछ बाढ़ प्रभावित लोग अपने खेतों की देखभाल के लिए ‘डेरों’ में रह रहे हैं, जबकि करीब 40 लोग अपने टूटे हुए घरों और मवेशियों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
‘बाढ़ में हुए नुकसान का मुआवजा देगी सरकार’
गुरुवार दोपहर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान स्थिति का जायजा लेने के लिए नाव से होशियारपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे. मान ने कहा, राज्य सरकार के हेलिकॉप्टर समेत पूरी सरकारी मशीनरी संकट की इस घड़ी में लोगों की सेवा में है. राज्य में बाढ़ के कारण लोगों को हुए नुकसान का पता लगाने के लिए पहले ही ”विशेष सर्वे’ का आदेश दिया है. मान ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार लोगों को मुआवजा देगी. भले ही किसी ने बाढ़ के कारण एक मुर्गी या बकरी खो दी हो. उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. राज्य सरकार प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद देने के लिए मौजूद है.
‘रूपनगर में बाढ़, 24 घंटे बचाव कार्य में लगी NDRF’
रूपनगर जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. भाखड़ा बांध से सतलुज नदी में ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है. सेना बचाव कार्यों में सहायता कर रही है. एनडीआरएफ की टीमें दरारों को रोकने और बाढ़ग्रस्त गांवों में फंसे लोगों को बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. पंजाब के मंत्री हरजोत सिंह बैंस जिले में डेरा डाले हुए हैं और बचाव एवं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं.
‘गुरदासपुर में तीन दिन घरों में फंसे लोग’
गुरदासपुर जिले के कुछ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य में सेना और एनडीआरएफ की टीमें भी मदद कर रही हैं. जिले में तीन दिनों से लोग घरों में फंसे हैं. ये बाहर नहीं जाना चाहते हैं. ऐसे में उनकी जांच के लिए चिकित्सा टीमों को नावों के जरिए घरों तक भेजा गया है. गुरुवार को अफसरों ने बताया कि कपूरथला के गांव तलवंडी कूका के मांड इलाके में ब्यास नदी में बाढ़ आई है. मवेशियों को बचाते वक्त एक व्यक्ति के डूबने की आशंका है.
‘भारी बारिश से लबालब हैं भाखड़ा और पोंग बांध’
चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और उसके बाद पोंग और भाखड़ा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के कुछ इलाकों में बाढ़ आई है. भाखड़ा और पोंग बांधों का प्रबंधन करने वाले भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने बुधवार को कहा कि वह अपने जलाशयों को सुरक्षित लेवल तक ले जाने के लिए अगले चार से पांच दिनों तक नियंत्रित तरीके से अतिरिक्त पानी छोड़ेंगे. सतलुज पर भाखड़ा बांध और ब्यास पर पोंग बांध दोनों भारी बारिश के बाद लबालब हैं.
इससे पहले 9 से 11 जुलाई के बीच पंजाब के कई हिस्से मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुए थे, जिससे खेतों और अन्य क्षेत्रों के बड़े हिस्से में पानी भर गया था. मान ने बताया कि भाखड़ा और पोंग बांधों में जल स्तर क्रमशः 1,676 फीट और 1,396 फीट है और पानी नियंत्रित तरीके से छोड़ा जा रहा है.
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