नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) अगले 10 दिन तक फोन, सोशल मीडिया और यहां तक अपने परिवार वालों से भी दूर रहेंगे. इस दौरान वो न तो किसी से मुलाकात करेंगे न ही किसी कार्यक्रम में शामिल होंगे. सीएमओ ऑफिस की ओर से इस विषय में जानकारी साझा की गई है. दरअसल सीएम 10 दिन की विपश्यना साधना शिविर (Vipassana Mediation Course) के लिए जयपुर में हैं. जहां वो अपना पूरा समय ध्यान और साधना में बिता रहे हैं.
राजस्थान के CM ने किया स्वागत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में केजरीवाल के आने की खबर पर उन्हें शुभकामनायें दी हैं. सीएम गहलोत ने ट्वीट में लिखा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जयपुर आगमन पर स्वागत करता हूं. आपने मेरे स्वास्थ्य की जानकारी लेकर शुभेच्छाएं दीं. इसके लिए आपका धन्यवाद. मुझे खुशी है कि आपने विपश्यना एवं स्वास्थ्य लाभ के लिए राजस्थान को चुना. मैं आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.’
दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल का जयपुर आगमन पर स्वागत करता हूं। आपने मेरे स्वास्थ्य की जानकारी लेकर शुभेच्छाएं दीं इसके लिए आपका धन्यवाद। मुझे खुशी है कि आपने विपश्यना एवं स्वास्थ्य लाभ के लिए राजस्थान को चुना। मैं आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 29, 2021
‘खुद को मजबूत कर रहे केजरीवाल’
माना जा रहा है कि सीएम केजरीवाल अगले साल की शुरुआत में पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गोवा के विधान सभा चुनावों से पहले कुछ समय के लिए खुद को दे रहे हैं. यानी वो उस दौर की व्यस्तता से पहले खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करने में लगे हैं.
‘ध्यान और साधना की शक्ति पर विश्वास’
दरअसल सीएम अरविंद केजरीवाल को ध्यान, योग और साधना पर पूरा भरोसा है. वो पहले भी स्वास्थ्य लाभ के लिए इस तरह के शिविर कर चुके हैं. इससे पहले की बात करें तो साल 2016 में केजरीवाल 10 दिन के लिए विपश्यना का अभ्यास करने नागपुर पहुंचे थे. इससे पहले, वे विपश्यना सत्र के लिए महाराष्ट्र के इगतपुरी और हिमाचल प्रदेश के धर्मकोट और बेंगलुरु भी जा चुके हैं.
क्या है विपश्यना?
विपश्यना ध्यान की साधना के लिए एक प्राचीन प्रयोग है. विपश्यना का शाब्दिक का अर्थ है, देखकर लौटना. यानी आओ और देखो, और फिर मानों. ये आत्मशुद्धि और आत्मनिरीक्षण की बेहतरीन पद्धतियों में एक है. हजारों साल पहले भगवान बुद्ध ने विपश्यना के जरिए ही बुद्धत्व को हासिल किया था. यह ध्यान आपको खुद को जानने में मदद करता है. आज के दौर में अक्सर इस साधना के शिविर से होने वाले लाभ की चर्चा होती रहती है.
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