इंदौर। वन विभाग की आपत्ति के चलते लगभग 4 साल से अटके पडे एमएसएमई क्लस्टर की सारी बाधाएं व आपत्तियां दूर हो चुकी हैं। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग वालों के लिए एमएसएमई क्लस्टर बनाने की योजना लगभग 4 साल पहले बनाई थी, जो अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार यहां सड़क, बिजली, पानी सम्बन्धित सभी विकास कार्य पूरे हो चुके हैं।
एमपीआईडीसी इंदौर ने पीथमपुर सेक्टर -2 में एमएसएमई उद्योगों के लिए लगभग 52 औद्योगिक प्लाट बनाए, जिनकी साइज 3000 से लेकर 7000 स्क्वेयर फीट है। यह सारे प्लाट यहां विकास कार्य शुरू होने के पहले ही बुक हो चुके थे। पहले आओ-पहले पाओ की नीति के हिसाब से इन प्लाटो की बुकिंग की गई थी।
मगर प्लाट बुक होने के बाद इसमें वन विभाग ने आपत्ति लेते हुए इस जमीन को खुद की बताकर इस क्लस्टर का काम रुकवा दिया था। इसके चलते यह मामला धार एसडीएम कोर्ट तक पहुंच गया था। आखिरकार जमीन सम्बन्धित प्रमाण देखने के बाद फैसला एमपीआईडीसी के पक्ष में हुआ। फैसला होने के बाद फिर विकास कार्य शुरू किए गए, जो अब पूरे हो चुके हैं। अब छोटे, मध्यम उद्योग वालों ने अपने लघु उद्योग लगाना शुरू कर दिए हैं। एमपीआईडीसी के अनुसार इस एमएसएमई क्लस्टर के सारे प्लाट लगभग 4 साल पहले ही बुक हो चुके थे। यहां पर 50 से ज्यादा माइक्रो, स्माल, मीडियम इंडस्ट्रीज काम करेंगी। इसकी वजह से परोक्ष या अपरोक्ष रूप से 500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
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