भोपाल। राजधानी में आज आसमान पर बादल छाए हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अरब सागर से मिल रही नमी के कारण बादल छाने लगे हैं। इस वजह से न्यूनतम तापमान भी बढऩे लगा है। गुरूवार से न्यूनतम तापमान में कुछ गिरावट होने की संभावना है। उधर रविवार को प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस उमरिया एवं मंडला में दर्ज किया गया। शुरुआत में गर्मी फिर कड़ाके की ठंड। इसके बाद बारिश और अब रात में फिर ठंड गायब। इस वर्ष जनवरी माह में मौसम का मिजाज बनता-बिगड़ता रहा है। इसी क्रम में एक बार फिर तीन दिन बाद राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बिगडऩे के आसार बन रहे हैं। इसकी वजह यह है कि 22 जनवरी को उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में एक और पश्चिमी विक्षोभ दखल दे सकता है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि जनवरी माह की शुरुआत में लगातार पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में पहुंचते रहे। उनकी वजह से उत्तर भारत के पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी तो हुई, लेकिन हवा का रुख उत्तरी न होने से जनवरी माह की शुरुआत में रात के समय तापमान बढ़े रहे। बाद में हवा का रुख उत्तरी होने से राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में ठिठुरन बढ़ गई थी, लेकिन फिर एक सिस्टम के उत्तर भारत में सक्रिय होने से बादल छाए और रुक-रुक कर बरसात का सिलसिला शुरू हो गया था। बारिश का दौर थमने पर वातावरण में फिर सर्दी बढ़ गई थी। उधर वर्तमान में हवा का रुख पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है। साथ ही दक्षिणी हवाओं के साथ अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से बादल छाने लगे हैं। इस वजह से रात के तापमान में इजाफा होने लगा है। सोमवार को उत्तर-पूर्वी मानसून की विदाई होने पर प्रदेश में पूर्वी हवाओं का दखल कम होने लगेगा। इससे मंगलवार से रात के तापमान में कुछ गिरावट होने लगेगी। तापमान कम होने का सिलसिला तीन दिन तक चलेगा। इसके बाद 22 जनवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में प्रवेश करने की संभावना है। इसके बाद हवाओं की दिशा बदलने से वातावरण में फिर नमी बढऩे लगेगी। इससे बादल छाने लगेंगे और न्यूनतम तापमान में फिर बढ़ोतरी होने के आसार हैं।
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