शिलोंग। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि असम सरकार ने मेघालय सरकार के साथ छह सीमा विवादित क्षेत्रों को लेकर आपसी समझौता किया है। असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के छह क्षेत्रों को दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा समझौते के पहले चरण के दौरान उठाया गया था।
सरमा ने कहा कि दोनों सरकार एक आपसी समझौता पर पहुंच गए हैं। लेकिन इसे बड़े स्तर पर पुष्टि की जानी है। कई नागरिक इस मामले में शामिल हैं, राज्य हित इसमें शामिल हैं। इसलिए, अकेले सरकार फैसला नहीं कर सकती है। वहीं मेघालय के डिप्टी सीएम प्रेस्टन तिनसोंग ने कहा कि असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसके बाद दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच एक और बैठक होगी।
12 बिंदुओं में से छह पर बनी आपसी सहमति: सरमा
सरमा ने कहा कि असम और मेघालय के बीच विवादों के कुल 12 बिंदुओं में से, पहले चरण में अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण अंतर वाले छह क्षेत्रों को लिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों को छोड़कर मेघालय के साथ विवाद बहुत जटिल नहीं है। विवाद ज्यादातर कागजों पर हैं और सीमा के निवासियों को उनकी मर्जी से अलग पक्ष चुनने के लिए मजबूर करने का कोई सवाल ही नहीं है।
21 जनवरी से पहले गृह मंत्री से मुलाकात की संभावना
समाचार एजेंसी एएनआई ने सरमा के हवाले से कहा कि दोनों मुख्यमंत्री 21 जनवरी से पहले केंद्रीय गृह मंत्री से भी मुलाकात करेंगे। शायद असम और मेघालय दोनों राज्यों के बीच एक चरण और बात होने के बाद अंतिम समझौते को सार्वजनिक किया जाएगा।
जानिए क्या है मामला?
मेघालय को 1972 में तत्कालीन असम से अलग राज्य बनाया गया था। राज्य ने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी थी, जिसके परिणामस्वरूप मेघालय और असम के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 क्षेत्रों में सीमा विवाद हुआ था, जो दोनों राज्यों को साझा करते हैं।
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