– 550 से ज्यादा शिकायतें, सुधार कार्यों के फर्जी दावे, नहीं सभल रहा निगम से मेंटेनेंस, एक ही अधिकारी वर्षों से तैनात
इंदौर। नगर निगम (Nagar Nigam) ने अपने स्तर पर शहरभर (City) की सवा लाख से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें (street lights ) सुधारने का काम ले रखा है, लेकिन वार्डों में हालत यह है कि कई जगह महीनों से बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें सुधारने की शिकायतें (complaints)पेंडिंग (pending) पड़ी हैं। दो दिन पहले बापट (bapat) चौराहा क्षेत्र में अंधेरे और गड््ढे के कारण वृद्धा की मौत (death) हो गई थी। इसके बाद भी निगम के अफसर (officers) नहीं जागे। विद्युत यांत्रिकी विभाग में वर्षों से एक ही अधिकारी की तैनाती है और उनकी मनमर्जी से सारे काम हो रहे हैं। पहले एशियन कंपनी और बाद में कुछ अन्य कंपनियों को स्ट्रीट लाइटों के मेंटेनेंस का काम सौंपा गया था, लेकिन विभिन्न शिकायतों के चलते कंपनियों को हटाकर निगम ने विगत दो सालों से अपने स्तर पर ही शहरभर में स्ट्रीट लाइटें सुधारने का काम शुरू कर रखा है।
हालांकि कई जगह नई स्ट्रीट लाइटें लगाने के बाद संबंधित कंपनियों को ही मेंटेनेंस का जिम्मा दिया गया है और बाकी स्थानों पर निगम विद्युत यांत्रिकी विभाग एक दर्जन टीमों के माध्यम से स्ट्रीट लाइटों के मेंटेनेंस का काम करता है। इसके लिए रोज अलग-अलग शिफ्टों में टीमें रवाना की जाती हैं, मगर उसके बावजूद 550 से ज्यादा शिकायतें अभी पेंडिंग हैं। इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि झोनलों से लेकर निगम मुख्यालय के विद्युत यांत्रिकी विभाग में शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। लोग बाद में सीएम हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत करते हैं।
बापट चौराहे पर अंधेरे के कारण वृद्धा की मौत
दो दिन पहले बापट चौराहे के समीप अंधेरे के कारण एक वृद्धा की गड्ढे में गिरने से मृत्यु हो गई थी। इसके पहले भी शहर के कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं होने के कारण दुर्घटनाओं के मामले सामने आए थे, मगर उसके बावजूद अधिकारी इस मामले में नहीं जागे। विद्युत यांत्रिकी विभाग में वर्षों से एक ही पद पर तैनात अधिकारी राकेश अखंड के मामले में लोगों ने कमिशनर प्रतिभा पाल तक को शिकायत की कि वे शिकायतों के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करते और उनका मोबाइल हमेशा ही बंद आता है। कई शिकायतें अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर को भी की गईं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
शिकायतें हटवाने के लिए दबाव
कई वार्डों के रहवासियों का कहना है कि उनके क्षेत्रों में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों के मामले में जब सीएम हेल्पलाइन और अन्य स्थानों पर अधिकारियों को शिकायत की जाती है तो बाद में निगम विद्युत यांत्रिकी विभाग के कर्मचारी वहां पहुंचते हैं और बिना सुधार कार्य के ही शिकायतें हटवाने के लिए लगातार परेशान करते हैं। ऐसे कई मामलों की शिकायतें भी निगम के अफसरों तक पहुंची हैं।
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