गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिले से एक बेहद अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां दूल्हे ने दुल्हन को सिंदूर लगाने के लिए कमरे में लाइट बंद कर एकांत में यह रस्म पूरी करने की शर्त रखी थी. इस दौरान दूल्हे को दोनों परिवारों ने समझाया लेकिन वह नहीं माना. इसके बाद मामला पंचायत तक पहुंच गया लेकिन फिर भी दूल्हा टस से मस होने को तैयार नहीं था. नतीजतन बारात वापस चली गई. इस दौरान दूल्हे पक्ष को दुल्हन के परिवार को 5.13 लाख रुपये देने पड़ें.
यह घटना गढ़वा जिले के कतार थाना इलाके की है. यहां मकरी गांव के लड़के की शादी लतमरवा गांव की एक लड़की से तय हुई थी. दोनों की शादी के लिए 28 फरवरी का मुहूर्त निकला था. इसके मुताबिक, दूल्हा अपने परिवार और सगे-संबंधियों के साथ 28 फरवरी की रात बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंच गया. यहां दुल्हन भी दूल्हे का इंतजार कर रही थी. बारात के पहुंचने पर लड़की वालों ने उनका जमकर स्वागत भी किया था.
इसके बाद दोनों का जयमाला कार्यक्रम हुआ. इस दौरान दूल्हा-दुल्हन और दोनों परिवार काफी खुश नजर आ रहे थे लेकिन थोड़ी ही देर में परिवार की यह खुशी शांति में बदल गई. जयमाला होने के बाद दूल्हा और दुल्हन शादी के मंडप में बैठे थे. जहां पंडित उन दोनों की शादी के मंतर पढ़ रहे थे. इस दौरान जैसे ही सिंदूरदान करने का समय आया, दू्ल्हे ने अपनी अजीबो-गरीब शर्त रख दी.
दूल्हे ने कहा कि वह यह रस्म कमरे में लाइट बंद करके एकांत में ही करेगा. घरवालों को लगा कि दूल्हा मजाक कर रहा है. इस दौरान परिवार वालों ने उसे सिंदूरदान करने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माना. दूल्हे ने कहा कि शर्त पूरी होने के बाद ही वह सिंदूरदान की रस्म करेगा. दूल्हे की अटपटी शर्त सुनकर वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई. सभी ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन दूल्हा किसी की सुनने को तैयार नहीं था. और देखते ही देखते शादी का माहौल सन्नाटे में बदल गया.
इसके बाद वहां मकरी और केतार के पंचायत के मुखियाओं को बुलाया गया. जानकारी मिलते ही दोनों मुखिया मौके पर पहुंच गए, जहां उन्होंने भी दूल्हे को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन दूल्हा टस मे मस होने को कतई तैयार नहीं था. इस दौरान यहां दोनों तरफ से पंचायत बैठी और दोनों ही पक्षों की आपसी सहमति से यह रिश्ता टूट गया. पंचायत में लिए गए फैसले में दूल्हे पक्ष को दुल्हन पक्ष की ओर से दिए गए दहेज और शादी में खर्च हुए पैसे भी वापस देने के लिए कहा गया. इसके बाद दूल्हे पक्ष ने दुल्हन पक्ष को करीब 5.13 लाख रुपये दिए और बिना दुल्हन के ही बारात वापस लौट गई.
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