नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा, “केन्या और भारत के बीच (Between Kenya and India) घनिष्ठ सहयोग (Close Cooperation) हिंद-प्रशांत में (In the Indo-Pacific) हमारे सभी प्रयासों को मजबूत करेगा (Will Strengthen All Our Efforts) ।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने मंगलवार को समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद से संयुक्त रूप से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा, रक्षा के क्षेत्र में भारत और केन्या के बीच बढ़ता सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास और साझा हितों का प्रतीक है। मोदी ने कहा, “आज की चर्चा में, हमने संयुक्त सैन्य अभ्यास, क्षमता निर्माण के साथ-साथ दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को जोड़ने पर जोर दिया। हिंद महासागर से जुड़े होने के चलते समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती से लड़ाई और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकना हमारी साझा प्राथमिकता हैं।”
मोदी ने कहा, “केन्या और भारत के बीच घनिष्ठ सहयोग हिंद-प्रशांत में हमारे सभी प्रयासों को मजबूत करेगा।” उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति रुटो की भारत यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी बल्कि अफ्रीका के साथ हमारे जुड़ाव को एक नई गति देगी।” मोदी ने कहा, भारत और केन्या, दोनों देशों का मानना है कि आतंकवाद मानवता के सामने सबसे गंभीर चुनौती है और दोनों पक्षों ने आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है।
मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि स्वच्छ ऊर्जा दोनों देशों की मुख्य प्राथमिकता है और बताया कि केन्या ने अफ्रीका जलवायु शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए बहुत सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने कहा, यह सभी वैश्विक चुनौतियों से एकजुट होकर निपटने की राष्ट्रपति रूटो की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे में अपनी जानकारी और उपलब्धियों को केन्या के साथ साझा करने के लिए भारत तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्या को अपना दूसरा घर मानने वाले भारतीय मूल के लगभग 80,000 लोग दोनों देशों के बीच संबंधों की सबसे बड़ी ताकत हैं।
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