नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन (climate change) भारतीय क्रिकेट (indian cricket) के लिए बड़ा खतरा है। इसकी वजह से भारत (India) में पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट (traditional test cricket) का वजूद खत्म हो सकता है। जलवायु परिवर्तन की वजह से भारत में तापमान लगातार बढ़ रहा है। सभी जगहों में दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसकी वजह से लोगों का दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। इसका असर क्रिकेट में भी पड़ सकता है। लगातार तापमान बढ़ने से दिन में खिलाड़ियों के लिए मैच खेलना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में बीसीसीआई को मजबूरन देश में डे-नाइट टेस्ट कराने होंगे।
जलवायु परिवर्तन की वजह से दिन का तापमान बढ़ने पर भारत में पारंपरिक टेस्ट का वजूद खतरे में है। वहीं, डे-नाइट टेस्ट मैचों की संख्या में इजाफा देखने को मिल सकता है।
भारत में लगातार बढ़ रहा है तापमान
1901 में तापमान दर्ज करने की शुरुआत हुई थी और इसके बाद से अप्रैल के महीने में पहली बार 37.8 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया गया। यह अब तक के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा था। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि जिस तरह से देश में तापमान बढ़ रहा है आने वाले समय में सभी को मुश्किल हो सकती है। इस साल आईपीएल के दौरान कई खिलाड़ियों को गर्मी की वजह से समस्या हुई। उन्हें मैच के दौरान दो से तीन बार जर्सी बदलते देखा गया। अब डॉक्टर मैच के दौरान खिलाड़ियों की जांच करते हैं। वहीं, पानी की जगह खिलाड़ी ब्रेक के दौरान बर्फ ज्यादा पसंद करते हैं।
20 ओवर के मैच के दौरान खिलाड़ियों को ब्रेक ज्यादा मिलते हैं और मैच काफी छोटा होता है, जबकि टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ियों को पूरे दिन मैदान में रहना होता है। ऐसे में भारत में टेस्ट क्रिकेट का सफल आयोजन मुश्किल हो सकता है।
डे-नाइट टेस्ट है विकल्प
अगर भारत में जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान बढ़ता है और दिन में खिलाड़ियों का खेलना मुश्किल होता है तो डे-नाइट टेस्ट का आयोजन बीसीसीआई की मजबूरी बन सकता है। हालांकि, डे-नाइट टेस्ट में तीसरे सत्र के दौरान जमकर ओस गिरती है और बल्लेबाजी खासी आसान हो जाती है। इसके बावजूद बीसीसीआई के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा। अगर बीसीसीआई को डे-नाइट टेस्ट की मजबूरी से बचना है तो हर हाल में देश को जलवायु परिवर्तन के असर से बचना होगा या इसका प्रभाव कम करना होगा।
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