इंदौर। लगातार 6 बार पूरे देश में नम्बर वन आने वाले इंदौर को अब सातवीं बार का इंतजार है। 11 जनवरी को स्वच्छता सर्वेक्षण का परिणाम आना है। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल तो इंदौर दौड़ में आगे है। अभी पिछले दिनों ही दिल्ली से आई टीम ने वीडियोग्राफी (videography) से लेकर कई अन्य जानकारियां हासिल की है। इससे लगता है कि 2023 का स्वच्छता सवेक्षण का परिणाम भी इंदौर के पक्ष में आएगा। हालांकि सूरत इस बार भी इंदौर को कड़ी टक्कर दे रहा है, जो कि पिछले साल नम्बर दो पर रहा था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर यह स्वच्छता सर्वेक्षण हर साल नगरीय निकायों के बीच किया जाता है। 2023 के सवेक्षण में भी साढ़े 4 हजार से अधिक नगरीय निकायों ने हिस्सा लिया, जिसमें इंदौर सहित प्रदेशभर के नगर निगम भी शामिल रहे। स्वच्छता के मामले में इंदौर ने जो ख्याती अर्जित की अब उसे कायम रखना भी बड़ी चुनौती है। हालांकि बीते कुछ महीनों में स्वच्छता में कमी भी आई है, जो आम जनता को महसूस भी होती है। मगर चूंकि इंदौर निगम ने कचरा प्रबंधन से लेकर गोवर्धन प्लांट सहित कई अन्य उपलब्धि हासिल कर रखी हैं उसके चलते ही वह अन्य शहरों से बाजी मार लेता है। अब 11 जनवरी का इंतजार है, जिस दिन स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम आना है। अलग-अलग श्रेणियों के आधार पर साढ़े 9 हजार अंकों का यह सर्वेक्षण होता है, जिसमें देशभर के सभी छोटे-बड़े शहर शामिल रहते हैं। प्रदेश के ही पौने 400 से ज्यादा और देशभर के साढ़े 4 हजार नगरीय निकायों के बीच यह मुकाबला है, जिसमें गत वर्ष राज्यों के मामलों में मध्यप्रदेश को और शहरों में इंदौर को छठवीं बार नम्बर वन का खिताब मिला था और अब सातवीं बार भी नम्बर वन रहने का इंतजार है, क्योंकि पिछले एक साल से निगम में चुनी हुई परिषद् भी काबिज हो गई, जिसके चलते महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित उनकी पूरी परिषद् को भी सातवीं बार नम्बर वन आने का पूरा भरोसा भी है।
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