उज्जैन। शनिवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर शिप्रा किनारे शिव ज्योति अपर्णम कार्यक्रम हुआ था और सोमवार को अमावस्या का स्नान करने के लिए 2 लाख से अधिक ग्रामीण आए थे। इसके चलते रामघाट क्षेत्र में शिप्रा में कई ट्रॉली कचरा और निर्माल्य तैर रहा था। इसे निकालने का काम शुरू हो गया है। शिव ज्योति अपर्णम कार्यक्रम की थीम भले ही जीरो वेस्ट रखी गई थी, लेकिन दीपोत्सव का विश्व रिकॉर्ड बनते ही रात में जब नगर निगम के सफाईकर्मी बुझे हुए दीपक इकट्ठा कर रहे थे वहीं कुछ कार्यकर्ताओं ने सामग्री नदी में फेंक दी थी। लाखों दीयों का बचा हुआ तेल भी घाटों से होता हुआ नदी में बह गया था।
हालांकि रविवार को पूरा दिन घाटों की धुलाई और सफाई होती रही, परंतु घाट पर जमा गंदगी और तेल नदी में जाता रहा। इधर सोमवार को कल सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व था। सुबह से ही लाखों श्रद्धालु शिप्रा स्नान करने घाटों पर पहुंच गए थे। इस दौरान भी पूजन सामग्री और अन्य वेस्ट कचरे को नदी में फेंका गया था और तीन दिन में रामघाट से छोटे पुल तक नदी के तल पर यह सब तैरता दिखाई दे रहा था। आज सुबह निगम के सफाईकर्मी रामघाट क्षेत्र में पहुँचे और निर्माल्य और गंदगी निकालना शुरू किया। कुछ ही समय में नदी से निकाली गई गंदगी और फूलों के ढेर घाटों पर लग गए थे। कल भी लोगों ने स्नान किया लेकिन नदी में सामग्री फेंकने से बाज नहीं आए।
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