मुंबई। अजित पवार समेत 69 लोगों के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया गया 25 हजार करोड़ रुपये के सहकारी बैंक घोटाले का केस टांय-टांय फिस्स हो गया है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस केस की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इसमें कहा गया है कि अजित पवार के खिलाफ लगे आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला हैं। अजित पवार सहित सभी 69 लोगों को क्लीन चिट दे दी गई है।
बता दें कि मुंबई हाई कोर्ट के निर्देश पर अगस्त 2019 में अजित पवार समेत 69 लोगों के खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आर्थिक धोखाधड़ी और आर्थिक अनियमितताओं का केस दर्ज किया था। चुनावों से ठीक पहले इस केस के दर्ज होने से एनसीपी की छवि को बड़ा झटका लगा था।
इसी मामले ही चुनाव से ठीक पहले ईडी ने भी एक केस दर्ज किया था। उसमें अन्य आरोपियों के साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी आरोपी बनाकर नोटिस जारी किया था। हालांकि आर्थिक अपराध शाखा की एफआईआर में पवार का नाम नहीं था।
ये थे आरोप
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को 2007 और 2011 के बीच 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था
इस घाटे की वजह बैंक के संचालक मंडल में शामिल नेताओं का अवैध रूप से कर्ज बांटना बताया गया था
इनमें से ज्यादातर कर्ज ऐसे चीनी कारखानों को दिए गए थे, जो पहले से बीमार चल रहे थे
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