डेस्क: अल्फ्रेड नोबल की स्मृति में दिए जाने वाले नोबल प्राइज में एक और नाम जुड़ चुका है। अल्फ्रेड नोबल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार 2023 क्लाउडिया गोल्डिन को प्रदान किया गया है। बता दें कि क्लाउडिया को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महिलाओं पर उनके ऐतिहासिक काम पर किए गए शोध के लिए जाना जाता है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर क्लाउडिया गोल्डिन को श्रम बाजार में महिलाओं पर उनके शोध के लिए सोमवार को अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार दिया गया है।
इस बाबत द नोबल प्राइज ने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, “रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने ‘महिलाओं के श्रम बाजार के परिणामों के बारे में हमारी समझ को उन्नत करने के लिए’ क्लाउडिया गोल्डिन को अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में स्वेरिगेस रिक्सबैंक पुरस्कार 2023 देने का निर्णय लिया है।”
अल्फ्रेड नोबल की स्मृति में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए दाने वाले स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार के विजेता को 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना यानी करीब 9 लाख 7 हजार डॉलर दिए जाते हैं। बता दें कि इससे पहले साल 2022 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र का नोबल पुरस्कार अमेरिका स्थित अर्थशास्त्री बेन बर्नांके, डगलस डायमंड और फिलिप डायबविग को बैंकों और वित्तीय संकटों पर उनके किए गए कामों के लिए दिया गया था। बता दें कि इससे पहले केमिस्ट्री के क्षेत्र में मौंगी जी। बावेंडी, लुईस ई। ब्रूस और आई। एकिमोव को क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण के लिए नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया है।
क्या होता है क्वांटम डॉट्स
आज क्वांटम डॉट्स नैनोटेक्नोलॉजी के टूलबॉक्स का एक अहम हिस्सा है। रसायन विज्ञान में 2023 का नोबल पुरस्कार विजेजा सभी नैनोवर्ल्ड की खोज में अग्रणी रहे हैं। नैनो टेक्नोलॉजी के ये सबसे छोटे घटक अब टेलीविजन और एलईडी लैंप से आपनी रोशनी फैलाते हैं और कई अन्य चीजों के अलावा ट्यूमर सेल्स को भी हटाते समय सर्जनों का मार्गदर्शन भी करते हैं। केमिस्ट्री का अध्ययन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति यह सीखता है कि किसी तत्व के गुण इस बात से नियंत्रित होते हैं कि उसमें कितने इलेक्ट्रॉन हैं।
हालांकि, जब पदार्थ नैनो-डायमेंशन में सिकुड़ जाता है तो क्वांटम फेनोमेना पैदा होता हैं। ये पदार्थ के आकार से नियंत्रित होते हैं। रसायन विज्ञान 2023 में नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने इतने छोटे कण बनाने में सफलता हासिल की है कि उनके गुण क्वांटम घटना से निर्धारित होते हैं। कण, जिन्हें क्वांटम डॉट्स कहा जाता है, अब नैनोटेक्नोलॉजी में बहुत महत्व रखते हैं।
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