ग्वालियर। ग्वालियर घराने (Gwalior Gharana) से एक बुरी खबर आई है। यहां की हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका मालिनी राजुरकर (Classical singer Malini Rajurkar) का 82 वर्ष की आयु में हैदराबाद (Hyderabad) में निधन हो गया। कुछ दिनों से स्थानीय अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। ग्वालियर घराने की प्रख्यात गायिका राजुरकर को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राजुरकर की पहचान ‘ख्याल’ और ‘टप्पा’ शैली में गाए उनके गीत हैं, जो उन्हें इस शैली की अग्रणी गायिका बनाते हैं। उनके परिवार में दो बेटियां हैं।
राजुरकर ने चिकित्सकीय अध्ययन के लिए शरीर दान करने का फैसला किया था। उनका शरीर हैदराबाद के उस्मानिया मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया गया। मालिनी राजुरकर का जन्म 1941 में राजस्थान के अजमेर में हुआ था। उन्होंने जीवन के प्रारंभिक वर्ष अजमेर में ही बिताएं।
गणित में स्नातक मालिनी राजुरकर ने अजमेर के सावित्री गर्ल्स हाईस्कूल एवं कॉलेज में तीन साल गणित भी पढ़ाया। बाद में उन्हें कला में छात्रवृत्ति मिली और उन्होने संगीत के क्षेत्र में मजबूती से कदम रखा। गोविंदराव राजुरकर और उनके भतीजे वसंतराव राजुरकर के मार्गदर्शन में उन्होंने अजमेर संगीत महाविद्यालय से संगीत की शिक्षा ली। बाद में उन्होंने अपने गुरु वसंतराव राजुरकर से विवाह कर लिया।
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