इन्दौर। कोरोना संक्रमण के दौर में छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन कराई जा रही है, लेकिन साइंस और प्रैक्टिकल वाले विषयों में ऑनलाइन कक्षाएं अव्यावहारिक हो रही थीं, इसलिए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने विभागीय समन्वय के साथ 1 जनवरी से साइंस की कक्षाएं शुरू करने की बात कही।
कोरोना काल के 9 महीने बीतने के बाद भी संक्रमण पर काबू नहीं पाया जा सका। सबसे ज्यादा असर शैक्षणिक सत्र पर हो रहा है। आधे से ज्यादा सत्र का समय बीत गया और नियमित कक्षाएं अभी तक शुरू नहीं हो पाईं। ऑनलाइन पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन इसके कई गुण-दोष भी सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत साइंस और प्रैक्टिकल करने वाले छात्रों के सामने है। उच्च शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा मंत्री के बीच बैठक के बाद उच्च शिक्षा मंत्री ने 1 जनवरी से साइंस विषय के छात्रों की नियमित कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की। हालांकि इसके लिए अलग से गाइडलाइन भी आएगी, क्योंकि कक्षाओं में छात्र 50 फीसदी क्षमता के साथ ही बैठ पाएंगे। इसके बाद 10 जनवरी से यूजी और पीजी फाइनल ईयर के छात्रों की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। वहीं कॉलेज के अन्य विषयों के छात्रों की नियमित कक्षाओं के लिए स्थानीय स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी निर्णय लेगी। इसके लिए 20 जनवरी के बाद का समय निर्धारित किया गया है। कुल मिलाकर कॉलेज छात्रों का वर्तमान सत्र सुचारु हो इसके लिए शिक्षा विभाग चिंतित तो दिखता है, लेकिन कोरोना काल में गाइड लाइन, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चुनौती ही बना हुआ है।
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