औरंगाबाद। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने औरंगाबाद में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था। जिसके विरोधस्वरूप एनसीपी की युवा विंग से जुड़े नेताओं ने प्रतिमा की सफाई की और दूध से नहलाया। नेताओं ने आरोप लगाया कि मूर्ति का अनावरण देशद्रोही मुख्यमंत्री ने किया है। इसलिए उन्होंने ऐसा किया। दरअसल, यह पूरा मामला निमंत्रण पत्र में विपक्षी नेताओं और छात्रसंगठनों की अनदेखी से जुड़ा है। आरोप है कि सिर्फ सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों को निमंत्रण दिया गया जबकि, विपक्ष के बड़े नेताओं तक को नहीं बुलाया गया। जबकि, यह प्रतिमा बहुप्रतिक्षित प्रोजेक्ट है।
ताजा घठनाक्रम औरंगाबाद में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण से जुड़ी है। यह प्रतिमा डॉ. बालासाहेब आंबेडकर मराठावाड़ा विवि परिसर में लगाई गई है। प्रतिमा में छत्रपति घुड़सवारी कर रहे हैं। सीएम शिंदे ने 16 सिंतबर को प्रतिमा का अनावरण किया तो अगले ही दिन यानी आज एनसीपी की युवा विंग से जुड़े नेता कॉलेज आ धमके और प्रतिमा को पानी से धोने लगे।
देशद्रोही सीएम का आरोप
एनसीपी नेताओं ने कहा कि प्रतिमा का अनावरण देशद्रोही मुख्यमंत्री ने किया है। इसलिए उन्होंने पहले दूध और फिर जल से प्रतिमा को नहलाया और शुद्धिकरण किया।
विपक्षी नेताओं को नहीं बुलाने से थे नाराज
दरअसल, मामला यह समझ में आ रहा है कि कल जब सीएम शिंदे ने प्रतिमा का अनारवण किया, समारोह के निमंत्रण पत्र में विपक्षी दल के नेता अंबादास दानवे और कई अन्य नेताओं के नाम शामिल नहीं होने से छात्र संघ आक्रामक हो गया था। प्रतिमा के अनावरण के निमंत्रण पत्र को लेकर भी विवाद है। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड, रोह्यो मंत्री संदीपन भुमरे, मंत्री अब्दुल सत्तार, उदय सामंत, अतुल सावे के नाम निमंत्रण में हैं लेकिन दूसरी ओर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे का नाम नहीं था। इसके अलावा छात्र संगठनों को भी निमंत्रण पत्र नहीं दिए जाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ।
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