जयपुर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में सिंचाई के पानी के लिए जारी प्रदर्शन अब उग्र होता जा रहा है। शनिवार को किसानों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव कर दिया। हालांकि, इस दौरान किसानों और पुलिस मेंं जबरदस्त झड़प हुई और उसके बाद देर रात उन्होंने एसडीएम ऑफिस पर ताला जड़ दिया। इसके बाद डीएसपी व एक अन्य पुलिस अधिकारी को बंधक बना लिया। हालांकि, अधिकारियों की समझाइश के बाद पुलिस और जवानों को रिहा कर दिया गया है ।
इस दौरान एसडीएम ऑफिस के पास चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा के महापड़ाव में किसान नेताओं ने कहा कि किसान पानी लेकर ही उठेंगे। चार में से दो समूह पानी चलने से ही किसानों की फसले सही तरीके से पनप सकेंगी। पानी नहीं मिला तो उनकी फसलें बर्बाद हो जाएं। वहीं, किसानों के फैसले पर गहलोत सरकार तैयार नहीं है।
किसानों की नहीं सुनी जा रही थी बातें
कई दिन से किसान खेतों में सिंचाई के लिए पानी दिए जाने की ठोस मांग करने का अनुरोध कर रहे थे। किसानों ने कई बार इस बाबत प्रशासन को घेराव और बंधक बनाने की चेतावनी भी दी थी, लेकिन सरकार पर असर नहीं हो रहा था।
शनिवार को किसानों का धर्य टूटने लगा और उन्होंने एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर डीएसपी समेत कई पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों को कब्जे में लेकर एक कमरे में बंद कर दिया। हालांकि, कलेक्टर और एसपी के दखल के बाद कब्जे में लिए गए अधिकारियों को रिहा किया गया।
2004 में किसानों का हुआ था उग्र आंदोलन
घड़साना में वर्ष 2004 में भी सिंचाई पानी के लिए उग्र आंदोलन हुआ था। उस वक्त भी किसानों ने सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने पर प्रदर्शन किया था। कई दिनों तक चले प्रदर्शन के बाद प्रशासन को पानी की व्यवस्था करना पड़ा था। एक बार फिर से किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए सरकारी अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है।
पुलिस और किसानों के बीच धक्का मुक्की
शुक्रवार को जिला कलेक्टर और एसपी ने भी घड़साना के किसान नेताओं से बात कर उनसे शांति बनाए रखने की अपील की थी, लेकिन शाम होते-होते यह बेअसर हो गई। किसान नेताओं ने कलेक्टर और एसपी को किसानों की ओर से टकराव की पहल नहीं करने का विश्वास दिलाया था, लेकिन शाम को किसान पुलिसकर्मियों से उलझ गए और धक्का मुक्की की नौबत आ गई।
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