नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध (India-China Standoff) के बीच सिक्किम सीमा पर झड़प हुई। अब भारतीय सेना (Indian Army) ने आधिकारिक बयान जारी किया है। भारतीय सेना ने बताया, ’20 जनवरी को सिक्किम के नाकु-ला दर्रे पर चीनी सैनिकों के साथ मामूली झड़प हुई थी। इसे लोकल कमांडर लेवल पर तय प्रोटोकॉल के मुताबिक, सुलझा लिया गया था।’
सूत्रों के मुताबिक, नाकु-ला दर्रे पर हुई इस झड़प में चीन के 20 सैनिकों के जख्मी होने की खबर है। अभी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, मगर हालात स्थिर हैं। सिक्किम के नाकु-ला (Sikkim Naku La Clash) में चीनी सेना ने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। यह स्थान 19000 फीट की ऊंचाई पर है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सीमा की ओर कुछ चीनी सैनिक घुसपैठ के इरादे से बढ़ रहे थे। इस दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें चीन के 20 सैनिक जख्मी हुए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिक्किम के नाकु-ला में घुसपैठ की कोशिश उस वक्त हुई है, जब चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख से अपने 10 हजार जवानों को हटाया है। सूत्रों के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के अलावा सिक्किम समेत कई इलाकों से चीनी सेना ने अपनी तैनाती को कम किया है, लेकिन जवान अभी भी डटे हैं।
इससे पहले 8 जनवरी को चीन के एक सैनिक को भारतीय सीमा में घुसने के बाद हिरासत में ले लिया गया था। घटना पूर्वी लद्दाख के पैगॉन्ग त्सो लेक के दक्षिणी हिस्से की थी। भारत ने 2 दिन बाद चीनी सैनिक को लौटा दिया था। चीन ने सफाई दी थी कि उसका सैनिक गलती से भारतीय इलाके में चला गया।
साल 2003 में बनी थी सहमति : साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ यह सहमति बनी थी कि सिक्किम भारत का है और चीन इसपर कोई दावा नहीं करेगा। इसके बदले में भारत ने तिब्बत को चीन का हिस्सा मान लिया था। इसके एक साल के भीतर ही चीन के उप-विदेश मंत्री ने तत्कालीन विदेश मंत्री से कहा था कि यह मुद्दा अभी सुलझा नहीं है।
क्या सुलझेगा भारत-चीन के बीच विवाद : भारत-चीन के बीच अब तक 9 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई भी हल नहीं निकला है। तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के राजनयिक एक दूसरे से मुलाकात कर रहे हैं और इस मुद्दे पर लगातार बातचीत कर रहे हैं। पिछले साल यानी मई 2020 से पूर्वी लद्दाख से सटी 826 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर चीनी सेना ने कोरोना महामारी के दौरान कई जगह पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी। इस दौरान गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक-झड़प भी हुई थी।
डोकलाम में हो चुका है लंबा विवाद : सिक्किम सेक्टर की बात करें तो यहां 2017 में डोकलाम ट्राई जंक्शन पर 73 दिन तक तनाव की स्थिति रह चुकी है। उस वक्त भी तनाव इतना बढ़ा था कि युद्ध के आसार जताए जाने लगे थे। इसके बाद 2020 में नाकू-ला दर्रे के पास तीखी झड़प हुई। उससे पहले लद्दाख में 5 मई 2020 को पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ चुके थे।
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