इंदौर के नए मास्टर प्लान की कवायद शुरू… 78 गांव और निवेश क्षेत्र में किए शामिल
इंदौर। आगामी मास्टर प्लान की कवायद नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने शुरू कर दी है, जिसके चलते निवेश क्षेत्र में 78 गांव शामिल कर उसका गजट नोटिफिकेशन (Gazette Notifications) जारी कर दिया है। अब वर्तमान भू-उपयोग ( Land Use) के मानचित्र (Maps) का प्रकाशन कर दावे आपत्तियां आने वाले दिनों में बुलाई जाएगी, ताकि उसके आधार पर अंतिम रूप से इन 78 गांवों की जमीनों का भू-उपयोग निर्धारित किया जा सके।
2021 का मास्टर प्लान (Master Plan) इस साल 31 दिसम्बर को खत्म हो जाएगा। लिहाजा आगामी 10 से 15 साल के नए मास्टर प्लान की कवायद शासन ने शुरू करवाई है, जिसके चलते 78 गांवों को निवेश क्षेत्र में शामिल किया है। यानी इससे इंदौर के मास्टर प्लान का एरिया बढ़ गया है। चारों दिशाओं के मौजूद इन गांवों की सूची भी नोटिफिकेशन में जारी कर दी गई है। नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक एसके मुद्गल का कहना है कि इन 78 गांवों के वर्तमान भू-उपयोग का मानचित्र प्रकाशित किया जाएगा, जिसके आधार पर दावे-आपत्तियां आमंत्रित करेंगे। इससे अंतिम रूप से उसका लैंड यूज यानी भू-उपयोग निर्धारित होगा। पिछले दिनों इंदौर के आगामी मास्टर प्लान को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष भी प्रजेंटेशन दिया गया था, जिसमें मेट्रो सहित अन्य प्रोजेक्टों के आधार पर आगामी मास्टर प्लान को तैयार किया जाएगा। नगर तथा ग्राम निवेश ने सेटेलाइट इमेज भी हासिल कर ली है, जिसके आधार पर मैदानी सर्वे का काम भी जल्द शुरू होगा।
निगम सीमा फिलहाल यथावत ही रहेगी
कई लोगों को यह भ्रम है कि 78 गांव निवेश क्षेत्र में शामिल करने का मतलब निगम सीमा वृद्धि भी है, जबकि वर्तमान में निगम सीमा वृद्धि का प्रस्ताव कोई शासन के पास नहीं है और वर्तमान में जो 85 वार्ड हैं, उसी के आधार पर निगम चुनाव कराए जाना प्रस्तावित है। कुछ वर्ष पूर्व अवश्य निगम सीमा में 19 गांव जोड़े गए थे, उसके बाद अभी ये 78 गांव निगम सीमा से बाहर, लेकिन निवेश क्षेत्र में शामिल रहेंगे, ताकि अनियोजित विकास को रोका जा सके और नगर तथा ग्राम निवेश निवेश क्षेत्र में इन गांवों में तय भू-उपयोग के मद्देनजर ही अभिन्यास मंजूर कर सके। ज्यादातर शामिल किए गए नए गांव सांवेर और राऊ क्षेत्र में ही आते हैं, जहां सबसे अधिक तेजी से विस्तार और विकास हो रहा है।
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