उज्जैन। नगर निगम ने पिछले 4 साल में आवारा श्वानों को पकड़कर सदावल स्थित सेंटर पर 10 हजार 500 से ज्यादा श्वानों की नसबंदी कर दी है। बावजूद इसके शहर की सड़कों से आवारा श्वानों का आतंक कम होने की बजाय और बढ़ गया है। नसबंदी के बाद कोर्ट की गाईड लाईन के मुताबिक नगर निगम श्वानों को वापस उन्हीं इलाकों में छोड़ रही है। उल्लेखनीय है कि शहर में आवारा श्वान की तादाद अभी भी कम नहीं हुई है, जबकि नगर निगम ने सदावल क्षेत्र में श्वान घर बना रखा है। पहले नगर निगम की टीम शहर की गलियों और सड़कों से आवारा श्वानों को पकड़कर यहाँ रखा करती थी परंतु साल 2017 से कोर्ट के निर्देश पर आवारा श्वानों की नसबंदी यहाँ की जाने लगी है।
निगम के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सदावल स्थित श्वान घर में श्वानों की नसबंदी के लिए विशेषज्ञों की टीम लगी हुई है। इनमें एक डॉक्टर, दो विशेषज्ञ सहित 4-5 लोग अन्य शामिल रहते हैं। शहर से नसबंदी के लिए आवारा श्वानों को पकड़कर लाने का काम एक टीम के जिम्मे है। ऑपरेशन के बाद आवारा श्वानों का बाया कान काटकर उसे वापस उसी क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है जहाँ से उसे लाया गया था। इधर आवारा श्वानों का शिकार हुए लोग जिला अस्पताल में रोज पहुँच रहे हैं। एक माह में जिला अस्पताल में इस तरह के 100 से ज्यादा लोग रेबिज का इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं। नगर निगम में भी आवारा श्वानों की समस्या की हर महीने 70 से 80 शिकायतें आ रही है। पिछले साल इस तरह की 800 से ज्यादा शिकायतें अलग-अलग इलाकों से लोगों ने की थी।
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