नई दिल्ली । भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमण (Chief Justice of India NV Ramana) ने कहा है कि दुनिया के सभी नागरिकों के लिए यह जरूरी है कि वे स्वाधीनता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र को बरकरार रखने और आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत रहें, जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने संघर्ष किया है। न्यायमूर्ति रमण ने अमेरिका (America) के फिलाडेल्फिया (philadelphia) में ‘इंडिपेंडेंस हॉल’ की यात्रा के बाद यह बात कही।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह स्मारक मानव सभ्यता में एक निर्णायक क्षण को दर्शाता है और सभी लोकतंत्र उन मूल्यों से प्रेरित हैं, जो कि इस पवित्र स्थान से उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा, “यह मानव गरिमा और अस्तित्व की निश्चित गारंटी और वादों का प्रतिनिधित्व करता है। इस ऐतिहासिक हॉल में खड़े होकर, कोई भी उस साहस, भावना और आदर्शों से प्रेरित हो सकता है, जिसने अमेरिका के संस्थापकों को प्रेरित किया और जिनकी गूंज आज भी दुनिया भर में है।”
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “दुनिया के सभी नागरिकों के लिए यह आवश्यक है कि वे स्वाधीनता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास जारी रखें, जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने संघर्ष किया है। यही उनके बलिदान के लिए सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि है।”
युवाओं, छात्रों से लोकतंत्र में सक्रिय भागीदारी का आह्वान
वहीं, बीते दिनों सीजेआई एनवी रमण छात्रों और युवाओं से लोकतंत्र के महत्व को समझने और अपनी सक्रिय भागीदारी से इसे कायम रखने एवं सशक्त बनाने का आह्वान किया था। न्यायमूर्ति रमण ने गुरुवार को न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के दौरे के अवसर पर यह आह्वान किया।
उन्होंने वहां अपने विशिष्ट पूर्व छात्रों (एलुमनाई) में से एक डॉ बी आर आम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीजेआई ने कहा, “हमारे देश की अब तक की 75 साल की लंबी यात्रा लोकतंत्र की शक्ति का प्रमाण है। यह आवश्यक है कि लोग, विशेषकर छात्र और युवा, लोकतंत्र के महत्व को समझें। आपकी सक्रिय भागीदारी से ही लोकतंत्र कायम और मजबूत हो सकता है। केवल एक सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था ही दुनिया में स्थायी शांति की बुनियाद हो सकती है।”
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