नागदा। त्यौहारों के अवसर पर सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों में कोरोना गाईड लाईन में छूट देने, नागदा को जिला बनाया जाने, मेडिकल कॉलेज खोले जाने एवं आम नागरिकों की समस्याओं को लेकर नागरिक अधिकारी मंच एवं अधिकार प्रकोष्ठ द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। सोमवार को नागरिक अधिकार मंच एवं मौलिक अधिकार प्रकोष्ठ नागदा के पदाधिकारियो द्वारा मुख्यमंत्री, जिलाधीश एवं अनुविभागीय अधिकारी के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार आशीष खरे को सौंपा गया। ज्ञापन का वाचन हीरालाल गेहलोत अध्यक्ष मौलिक अधिकार प्रकोष्ठ ने किया एवं परामर्शदाता विनोद रघुवंशी ने सारी मांगो की वैधानिकता पर प्रकाश डाला। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि नवरात्रि पर्व एवं दीपावली-दशहरा जैसे कई त्यौहार आने वाले है।
जिस तरह शासकीय कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, उसी तरह सामाजिक व धार्मिक आयोजनों को भी शासन द्वारा निर्धारित गाईड लाइन में संशोधन किया जाए जिससे सामाजिक व धार्मिक आयोजन निर्बाध रूप से हो सकें। इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के निर्देश दिये हैं। नागदा के जिला बनने का प्रस्ताव राज्य शासन द्वारा स्वयं मंगवाया गया जिसको केबिनेट मीटिंग में स्वीकृत कर लिया गया लेकिन गजट अधिसूचना जारी नहीं होने से नागदा जिला नहीं बन पाया। ज्ञापन में मांग की है कि नागदा को जिला बनाने की अधिसूचना शीघ्रताशीघ्र जारी करे जिससे कि नागदा में मेडिकल कॉॅलेज आ सके। आम जनता के आवेदनो एवं ज्ञापनो को शासन की जनसुनवाई में सम्मिलित करके निराकरण किया जाए। इस मौके पर अभय चौपड़ा, शैलेन्द्रसिंह चौहान, हीरालाल लोदवाल, विनोद रघुवंशी एडवोकेट, नाहरू खान एडवोकेट हर्ष तिरवार, श्रीमती सुशीला पाल एडवोकेट, फिरोज खान पठान एडवोकेट भावेशसिंह चौहान, राजेन्द्र कोठारी, प्रितेश गुर्जर, जगतसिंह तिरवार एडवोकेट अजय प्रजापत, हेमलता जैन एडवोकेट राजेन्द्र कोठारी आदि उपस्थित थे।
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