नई दिल्ली: नागर विमानन (Civil Aviation) मंत्री के राममोहन नायडू ने कोहरे (Fog) को लेकर तैयारियों पर संबंधित विभाग (Relevant Departments) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने एयरलाइन कंपनियों (Airline Companies) से उड़ान में देरी के बारे में यात्रियों को सक्रिय रूप से सूचित करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने को कहा कि यात्रा में पैदा हो रही समस्या को कम करने में मदद के लिए चेक-इन काउंटर (Check-in Counter) पर सभी कर्मचारी हों. नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि इस सर्दी में विजिबिलिटी से संबंधित चुनौतियों के मैनेजमेंट की तैयारी सही दिशा में बढ़ रही है और बाधाओं को दूर करने में अच्छी प्रगति हुई है. सोमवार को खराब विजिबिलिटी के कारण दिल्ली में कम से कम 15 उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा और 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन कंपनियों ने पुष्टि की है कि वे दिल्ली और अन्य हवाई अड्डों के लिए सीएटी 2:3 के अनुरूप विमान और पायलटों को तैनात करने के संबंध में डीजीसीए के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. दिल्ली हवाई अड्डे की चार हवाई पट्टियों में से तीन में सीएटी तीन आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) है जो कम विजिबिलिटी स्तरों में उड़ान संचालन की सुविधा देंगे. दिल्ली हवाई अड्डा देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा भी है.
सीएटी दो:तीन अनुपालन पायलटों को कम विजिबिलिटी की स्थिति में विमान उड़ान की अनुमति देगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरलाइन कंपनियों को विजिबिलिटी समस्या के कारण संभावित देरी या उड़ान कैंसिलेशन के बारे में यात्रियों के साथ सक्रिय रूप से संवाद करने का निर्देश दिया गया है. यदि देरी तीन घंटे से अधिक है, तो उड़ान रद्द करनी होगी.
मंत्री ने कहा कि एयरलाइन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए हवाई अड्डों पर सभी चेक-इन काउंटर पर सभी कर्मचारी मौजूद हों. दिल्ली हवाई अड्डे की संचालक डायल को यात्रियों को विजिबिलिटी की स्थिति के बारे में वास्तविक समय में सूचना प्रदान करने के लिए प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाने की सलाह दी गई है.
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