भोपाल। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए शहर पूरी तरह से तैयार हो चुका है। शहर में इस बार कई नवाचार भी किए गए हैं ताकि सर्वे में अधिक से अधिक अंक हासिल किए जा सकें। थ्री आर यानी रिड्यूज, री-साइकिल और रीयूज की गतिविधियां पर खास फोकस है। थ्री आर के तय मानकों के तहत गतिविधियों पर फोकस किया गया है।
शहर के कचरा घरों को बंद कर वहां रंग-रोगन किया गया है। शहर में आकर्षक पेेटिंग भी कराई गई है। नगर निगम और शहर के नागरिक केंद्रीय सर्वेक्षण टीम के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वैसे तो सर्वेक्षण टीम अप्रैल में आनी वाली थी लेकिन मई गुजरने को है टीम का अता-पता नहीं है। फिर भी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि टीम मई के अंत तक या जून के प्रथम सप्ताह आ सकती है।
शहर की सूरत संवारने का मिला समय
सर्वेक्षण टीम के आने में हो रही देरी से शहर की बदरंग सूरत संवारने अतिरिक्त समय भी मिल गया है। हाल के महीनों में जहां शहर की सफाई व्यवस्था में पहले से काफी हद तक सुधार लाया जा चुका है। मुख्य मार्गों से लेकर गली, मोहल्ला, कालोनियों सहित बाजार क्षेत्र में सुबह, शाम और देर रात तीन चरणों में सफाई की जा रही है। वहीं निगमायुक्त रोजाना भम्रण कर सफाई कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों को भी सुबह छह बजे से नौ बजे तक फील्ड में रहकर सफाई व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए गए हैं।
9,500 अंकों की होगी परीक्षा
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के तहत इस बार 7,500 अंकों की जगह 9,500 अंकों की परीक्षा होगी। पहले स्टार रेटिंग की टीम सर्वेक्षण करेगी और उसके बाद मुख्य सर्वेक्षण होगा। निगम का दावा है कि जबलपुर को ओडीएफ प्लस-प्लस यानी खुले में शौच मुक्त शहर का सर्टिफिकेट मिल चुका है। इसलिए ओडीएफ सर्वे नहीं होगा।
इन मानकों के आधार होगी रैकिंग
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए तय मानकों में सभी प्लांटों का उचित तरीके से संचालन तथा रखरखाव का शामिल किया गया है। साथ साफ-सफाई, नाला-नालियों को 100 प्रतिशत कवर्ड करने पर जोर दिया गया है। गीले -सूखे कचरे का एकत्रीकरण, निष्पादन, जैविक खाद को भी शामिल किया गया है। जलसंरक्षण, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से गंदे पानी का उपचार भी अनिवार्य है। थ्री आर यानी रिड्यूज, री-साइकिल और रीयूज की गतिविधियां जरूरी।
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