चुनावी साल में गुटबाजी को बढ़ावा देने से परहेज
इंदौर। इंदौर जैसे शहर में कांग्रेस अध्यक्ष (city Congress President) का फैसला करना मुश्किल हो रहा है। इंदौर की गुटीय राजनीति में कोई बड़ा नेता पडऩा नहीं चाहता, इसलिए सब कमलनाथ (Kamalnath) की ओर ही देख रहे हैं कि वो फैसला कर दें। इस बीच सूत्रों का यह भी कहना है कि जो तीन दावेदार सामने आ रहे है, उनको दरकिनार कर किसी नए नाम को लाया जा सकता है, ताकि चुनावी साल में किसी तरह की गुटबाजी से पार्टी को नुकसान न हो।
डेढ़ महीने से ज्यादा समय से इंदौर शहर कांग्रेस का अध्यक्ष (President of Indore City Congress) पद खाली पड़ा हुआ है और एक तरह से कांग्रेस की गतिविधियां भी ठप्प पड़ी हुई है। होल्ड किए गए अरविन्द बागड़ी अपनी बहाली का इंतजार कर रहे हैं तो विनय बाकलीवाल फिर से अध्यक्ष पद पर काबिज होना चाहते हैं। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर भरोसा है कि वे उनके नाम पर फिर विचार कर सकते हैं। दोनों की लड़ाई के बीच तीसरे दावेदार गोलू अग्रिहोत्री ने शहर के कई नेताओं को साथ लेकर अपनी दावेदारी मजबूती से दिखाई है। तीनों के नामों को लेकर संगठन अभी तक किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंचा है और प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल तथा इंदौर के संगठन प्रभारी महेन्द्र जोशी जैसे बड़े नेता भी इस मामले में कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इंदौर में सज्जनसिंह वर्मा और तीन-तीन विधायक भी हैं, लेकिन गुटबाजी के चलते कोई खुलकर नहीं बोल पा रहा है। सूत्रों का कहना है कि तीनों नामों के अलावा कांग्रेस संगठन अब किसी नए नाम पर भी विचार कर सकता है। इनमें से अगर किसी एक को बनाया तो गुटबाजी बढ़ जाएगी और चुनावी साल में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है, क्योंकि चुनाव में मात्र 6 महीने बाकी हैं और एक तरह से चुनावी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अभी कमलनाथ दिल्ली में हैं और दिल्ली से लौटने के बाद इंदौर के अध्यक्ष को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved