उज्जैन। डिजिटल क्रांति के इस युग में उज्जैन के महापौर ने 1 महीने पहले एक नया प्रयोग किया और नगर की बात महापौर के साथ सुझाव और समाधान लिखवा कर शहर के 6 स्थानों पर बक्से लगवाए। इसमें कोई भी नागरिक अपना सुझाव दे सकता है, इसका समाधान स्वयं महापौर मानिटरिंग कर करेंगे।
महापौर मुकेश टटवाल ने 1 महीने पहले शहर के प्रमुख चौराहों पर पोस्ट आफिस के पत्र वाले बाक्स जैसे बाक्स लगवाए और इन बाक्स पर लिखा गया नगर की बात महापौर के साथ। एक महीने बाद इन बाक्स को जब खोला गया तो इन बाक्स में से नागरिकों की करीब 100 से अधिक पत्र प्राप्त हुए। इन पत्रों में नागरिकों ने संबल योजना में शामिल नहीं होने, उनके मकान का नामांतरण समय पर नहीं होने, यहाँ तक की महापौर द्वारा पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में उनके द्वारा जो उपाय बताया गया उससे भी व्यक्ति का काम नहीं हो रहा है तो उसने महापौर को चि_ी लिखी और कहा मेरा काम नहीं हो पा रहा है आप बताओ क्या करूं।
ऐसे ही कई मामलों में करीब 100 से अधिक चिट्टियाँ महापौर के पास पहुँची है। महापौर सभी चि_ियों का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने इन चि_ियों की फाइल बनवाई है और एक-एक चि_ी को वे स्वयं पढ़कर संबंधित विभागों के अधिकारियों को भेज रहे हैं जिससे नियमानुसार नागरिकों की समस्या का निराकरण हो सके। महापौर मुकेश टटवाल ने बताया जब मैंने यह बाक्स लगवाए थे तब सोचा था कि इनमें कौन पत्र डालेगा। आजकल मोबाइल का युग है लेकिन ऐसे भी कई नागरिक हैं जो शिकायत लिखित में कर सकते हैं और आज भी वह मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं। ऐसे सभी नागरिकों के लिए यह प्रयोग कारगर सिद्ध हुआ है। मैं स्वयं सभी पत्रों की मानिटरिंग कर नागरिकों के कार्य करवाने का प्रयास करूंगा और आगे भी यह सिलसिला चलता रहेगा।
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