नर्मदा वाटर टेस्टिंग लैब को मिली एनएबीएल की मान्यता
इंदौर, प्रदीप मिश्रा। पेयजल (Drinnking Water) की शुद्धता और गुणवत्ता जांचने वाली मूसाखेड़ी स्थित नर्मदा पेयजल टेस्टिंग लैब को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology) की सर्वोच्च एजेंसी नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज (एनएबीएल) की मान्यता मिल गई है। नगर निगम का दावा है कि इंदौर शहर इस लैब में परखा एक नंबर की गुणवत्ता और शुद्धता वाला पानी पी रहा है।
नगर निगम ने मूसाखेड़ी की नर्मदा पेयजल की टेस्टिंग करने वाली लैब को राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ प्रयोगशाला प्रमाणित कराने की पहल की थी। इसके बाद एनएबीएल ने राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी के मापदंडों पर परखने के बाद लैब को सर्वोत्तम लैब की मान्यता दी है। लैब में नर्मदा पेयजल को रंग, गंध, मटमैलापन, पीएच लेवल यानि पावर ऑफ हाइड्रोजन, टीडीएस मतलब कौन-कौन से मिनरल, कठोरता, मृदुलता, क्लोरीन की मात्रा, कैल्शियम आदि कई मापदंडों पर परखा जाता है। एनएबीएल देश की प्रयोगशालाओं की वैज्ञानिक गुणवत्ता, तकनीकी क्षमता का आकलन व मूल्यांकन करने के बाद मान्यता देती है। नर्मदा पेयजल की जांच के लिए 1981 में वाटर टेस्टिंग लैब बनाई गई थी। यहां जलूद से आने वाले नर्मदा के पानी की जांच की जाती है। लैब में कोई भी शहरवासी पानी की जांच करा सकता है।
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