जबलपुर। विधानसभा चुनाव के लिये अधिकारिक रूप से अभी ऐलान नहीं हुआ है बावजूद टिकटार्थियों ने दिल्ली से भोपाल तक की परिक्रमा शुरू कर दी है। इसमें दोनो प्रमुख दलों के नेता शामिल हैं। सभी अपने-अपने तरीके से टिकट के जुगाड़ में लगे हुए हैं। सबसे खास बात यहां यह है कि शहर की उत्तर मध्य में जहां भाजपा से टिकट मांगने वाले अन्य विधानसभा की अपेक्षा ज्यादा हैं वहीं केंट में कांग्रेस से कम और पश्चिम में भाजपा में कमोवेश इसी तरह की स्थिति है।
गौरतलब है कि अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जबलपुर सहित प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर रहती आई है। इसी के चलते दोनो दलों में टिकट को लेकर अभी से टिकट के दावेदारों में शह और मात का खेल शुरू हो गया है। टिकट चाहने वालों ने अपने स्तर पर कवायद प्रारंभ कर दी है।
वैसे भी दोनो दलों में टिकट वितरण का अपना सिस्टम है। फिर भी कोई भी दावेदार किसी तरह की कोर कसर अपने प्रयासों में नहीं रखने की रणनीति पर चल रहा है। इसी के अनुरूप टिकटार्थियों द्वारा ऐसे तमाम नेताओं के दरबार में परिक्रमा लगाना शुरू कर दिया गया है जो भोपाल या देश की राजधानी दिल्ली में बैठते हैं। दावेदार अपने आवेदन या बॉयोडाटा में वैसी सभी सामग्री अटैच कर रहे हैं जिसमें दावेदारों द्वारा समाज सेवा और पार्टी फोरम के साथ किये गये कार्यो का विवरण शामिल है। इससे दावेदारी को मजबूत करने का एक प्रयास माना जा रहा है। वहीं दूसरे ओर उन बातों को विभिन्न माध्यमों से पार्टी के आला नेताओं तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है जिसमें टिकट चाहने वाले दूसरे से अपने को बेहतर बता रहे हैं।
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