दोगुनी कीमत वसूली की छूट इंजेक्शन निर्मार्ताओं को सरकार ने ही दे डाली
इन्दौर। मरीजों, परिजनों को बेड, ऑक्सीजन (Oxygen) और उससे भी सबसे बड़ी मुसीबत इंजेक्शनों (Injections) को हासिल करने की हो रही है। इसके चलते वे कई गुना अधिक कीमत भी चुकाने को तैयार हैं। दूसरी तरफ सरकार ने इंजेक्शन (Injection) तो पर्याप्त उपलब्ध नहीं कराए, दूसरी तरफ इसको बनाने वाली सात निर्माण कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए दोगुनी एमआरपी निर्धारित कर दी, जबकि अभी होलसेल में ही यह इंजेक्शन (Injection) तय की गई एमआरपी से आधी से भी कम कीमत पर मिल रहे हैं।
उदाहरण के लिए कैडिला का इंजेक्शन 899 रुपए की वास्तविक कीमत पर मिलता है और इसी तरह हेड्रो हेल्थ केयर का इंजेक्शन पिछले हफ्ते तक 1500 रुपए में और अब बढक़र 1730 रुपए में मिल रहा है, जबकि इनकी कीमत दोगुना से अधिक कर दी गई। शासन ने रेडक्रास के माध्यम से भी कलेक्टरों को इंजेक्शन बंटवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें भी इनका रेट 1568 रुपए ही तय किया है, जबकि केंद्र सरकार ने इन इंजेक्शनों की कीमत 899 रुपए से लेकर 3490 रुपए तय कर दी है। रेमडेसिविर इंजेक्शन सात कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं। हालांकि इनकी एमआरपी ज्यादा ही थी, मगर इन्दौर के ही दवा बाजार के होलसेलर इन इंजेक्शनों को कुछ समय पहले तक एमआरपी से आधी से भी कम कीमत पर बेच रहे थे। अभी मारामारी के चलते अवश्य चार से पांच गुना कीमत कालाबाजारियों द्वारा वसूल की जा रही है। केंद्र सरकार ने कल इन सात इंजेक्शन निर्माताओं के रेमडेसिविर के लिए नई एमआरपी घोषित की, जो हालांकि पूर्व की एमआरपी से कम है, मगर सवाल यह है कि जब बाजार में यह इंजेक्शन होलसेलरों द्वारा मरीजों के परिजनों को आधी से भी कम कीमत पर उपलब्ध कराए जा रहे थे तो वही कीमत एमआरपी के रूप में दर्ज होना थी। अब कैडिला (Cadila) के इंजेक्शन 899, बायोकान के इंजेक्शन 2450, डॉ. रेड््डीज के 2700, सिप्ला के 3000, मायलान फार्मास्युटिकल (Mylan Pharmaceutical) के 3400 और हेड्रो हेल्थ केयर (Hydro Health Care) के इंजेक्शन की एमआरपी 3490 रुपए है।
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