जबलपुर। अग्निबाण द्वारा पिछले दिनों धर्मांतरण के खेल को अपने पाठकों के समक्ष बड़ा खुलासा किया गया था कि कैसे क्रिश्चियन हाई सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य द्वारा अपने शिक्षक रमाकांत मिश्रा पर धर्मांतरण करवाने का दबाव बनाया जा रहा है। मामले को लेकर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे। रमाकांत मिश्रा ने इस मामले में एक और बड़ा खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार धर्मांतरण के व्यापार में लिप्त संजीव जेम्स ने मॉडल हाई स्कूल के एक शिक्षक के साथ मिलकर फर्जी तरीके से स्कूल को अनुदान करवा लिया। अप्रैल 2020 में स्कूल की शाखा लगभग बंद हो गई थी परंतु संजीव जेम्स का रिटायरमेंट 2024 तक है और इस कारण उन्होंने संस्था को संचालित करने के लिए फर्जी तरीके से अनुदान जारी रखा।
मैनेजिंग कमेटी ने स्कूल बंद करने का लिया था निर्णय
पीडि़त रमाकांत मिश्रा के अनुसार क्रिश्चियन स्कूल को संचालित करने वाली मैनेजिंग कमेटी ने 10/8/2019 को यह निर्णय लिया कि स्कूल में अब सिर्फ 6 से 12 बच्चे मात्र हैं। कुल मिलाकर 26 बच्चे हैं इसलिए स्कूल को बंद कर देना चाहिए। इसके चलते अप्रैल 2020 से स्कूल को बंद कर दिया गया। क्रिश्चियन स्कूल के स्थान पर जॉनसन इंग्लिश मीडियम स्कूल की प्राइमरी ब्रांच में खोलने का निर्णय हुआ।
निर्णय के विरोध में स्कूल के शिक्षक पहुंचे कोर्ट
रमाकांत मिश्रा ने बताया कि क्रिश्चियन स्कूल बंद होने के बाद शिक्षक जो कि बेरोजगार होने की कगार पर थे जिसके बाद सभी माननीय उच्च न्यायालय की शरण में पहुंचे। जहां फरवरी 2019 में हाईकोर्ट समक्ष याचिका दायर की कि स्कूल बंद न किया जाए। परंतु उच्च न्यायालय ने इस मामले को लेकर 14 फरवरी 2020 में मैनेजिंग कमेटी के किसी भी स्तर पर अपनी रोक लगाने से इनकार कर दिया है। न्यायालय का कहना था कि उनके द्वारा स्कूल चलाने और ना चलाने को लेकर किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
प्राचार्य के रिटायरमेंट तक हो रहा है फ र्जी अनुदान
पीडि़त ने बताया कि संजीव जेम्स जिसका वेतनमान 90 हजार है। और वही पर कार्यरत महिला शिक्षक जिसका वेतन 95 हजार है इन दोनों ने मिलकर मॉडल हाई स्कूल में कार्यरत शिक्षक के साथ मिलकर जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया। अनुदान की बात प्रति माह 50 हजार कमीशन में तय की गई। क्रिश्चियन स्कूल में कार्यरत सभी पांचों शिक्षकों ने 10 हजार प्रतिमाह अपने वेतन से देना शुरू कर दिया। आज स्कूल में एक भी बच्चे ना होने के बाद भी अप्रैल 2020 से वर्तमान दिनांक तक प्रतिमाह 4 लाख 50 हजार का अनुदान हो चुका है अर्थात कुल मिलाकर एक करोड़ 44 लाख का अनुदान किया जा चुका है।
कमीशन देने से किया मना तो धर्मांतरण की रची साजिश
पीडि़त रमाकांत मिश्रा ने बताया कि कमीशन देने के लिए उसे भी बार बार बोला गया परंतु उसने चंदा देने से मना कर दिया। लेकिन बार-बार प्रताडि़त होने के बाद पीडि़त रमाकांत मिश्रा द्वारा 10 हजार का चेक दिया गया। इससे संबंधित सारे साक्ष्य रमाकांत मिश्रा ने अपने पास मौजूद होना बताया है।
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