सैक्रामेंटो। हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है प्लास्टिक (Plastic). इससे जितना खतरा पर्यावरण को है, उतना ही रिस्क हमारी सेहत के लिए भी है। प्लास्टिक से जुड़े रसायनों के लगातार संपर्क में रहने की वजह से आपको दिल संबंधी बीमारियों (heart diseases) का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल (increased cholesterol level) बढ़ सकता है। हाल ही में की गई एक स्टडी में इस खतरनाक जानकारी से पर्दाफाश हुआ है।
यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने की है, जिसमें बताया गया है कि हमारी आज की लाइफस्टाइल में दो तरह के प्लास्टिक शरीर में सीधे तौर पर जा रहे हैं, जिन्हें पैथेलेट प्लास्टीसाइजर (phthalate plasticizers) कहते हैं। इनका बेस केमिकल बाइस्फेनॉल (Bisphenol) होता है, जिसकी वजह से कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ा रहा है। इस बेस केमिकल का उपयोग करके प्लास्टिक को ज्यादा ड्यूरेबल बनाया जाता है।
DCHP नाम का रसायन बिगाड़ रहा शरीर
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के बायोमेडिकल साइंटिस्ट चांगचेंग झोउ ने कहा कि हमारी आंतों में एक खास तरह का रिसेप्टर होता है, जिसे प्रेगनेन एक्स (Pregnane X – PXR) कहते हैं। ये डाइसाइक्लोहेक्सिल पैथेलेट (dicyclohexyl phthalate या DCHP) नामक प्लास्टिक रसायन की वजह से सक्रिय हो जाता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल को सोखने और परिवहन करने वाले प्रोटीन निष्क्रिय होने लगते हैं। इसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और कार्डियोवस्कुलर बीमारियां होती हैं।
कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने वाला सिग्नलिंग सिस्टम हो जाता है खराब
असल में DCHP हमारे शरीर में मौजूद आंतों की PXR सिग्नलिंग को खराब कर देते हैं. जिसकी वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है. DCHP आमतौर पर सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला पैथेलेट प्लास्टीसाइजर है। एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी ने इस रसायनिक तत्व को हाई रिस्क पदार्थों में शामिल कर इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी तक यह नहीं पता कि DCHP की वजह से इंसानों के शरीर पर कितने दुष्प्रभाव होते हैं. लेकिन स्टडीज चल रही हैं।
चांगचेंग झोउ ने कहा कि हमने DCHP के शुरुआती दुष्प्रभावों को खोज लिया है। ये नुकसानदेह असर हमने चूहों के शरीर में देखा, लेकिन चूहे जैसी PXR सिग्नलिंग हमारे शरीर में भी होती है. ये प्लास्टिक प्रेगनेन-एक्स रिसेप्टर को खराब करके डाईसलिपिडेमिया (Dyslipidemia) यानी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देते हैं। इसकी वजह से दिल संबंधी बीमारियां बढ़ने लगती हैं। यह स्टडी हाल ही में एनवायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव जर्नल में प्रकाशित हुई है।
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